मुंबई। जमीनी स्तर से राजनीति की शुरुआत करने वाले नारायण राणे पहले शिवसेना, फिर कांग्रेस में रहने के बाद भाजपा में शामिल हो गए, 2019 में उन्होंने बीजेपी ज्वाइन की थी। नारायण राणे राज्यसभा सांसद हैं,नारायण राणे केवल साढ़े सात महीने ही सीएम रहे, लेकिन महाराष्ट्र की सियासत में वो बड़ा कद और दखल रखते हैं, यही वजह है कि उनकी पार्टी के बीजेपी के विलय में मौजूद रहे तत्कालीन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा था कि नारायण राणे की वजह से बीजेपी को फायदा पहुंचेगा,तकरीबन तीन दशक की सियासत में नारायण राणे ने बड़ी तेजी से करवटें बदली हैं, नारायण राणे का जन्म 10 अप्रैल 1952 को एक सामान्य परिवार में हुआ, साल 1968 में केवल 16 साल की उम्र में ही नारायण राणे युवाओं को शिवसेना से जोड़ने में जुट गए। भाजपा में राणे का कद बढ़ गया है।
शिवसेना में शामिल होने के बाद नारायण राणे की लोकप्रियता दिनों-दिन बढ़ती चली गई, युवाओं के बीच नारायण राणे की ख्याति को देखकर शिवसेना प्रमुख बाला साहेब ठाकरे भी प्रभावित हुए, उनकी संगठन की क्षमता ने उन्हें जल्द ही चेंबूर में शिवसेना का शाखा प्रमुख बना दिया,राणे के युवा जोश और नेतृत्व क्षमता ने उनके सियासी कद को बड़ी तेजी से ऊंचा उठाने का काम किया. साल 1985 से 1990 तक राणे शिवसेना के नगरसेवक रहे,साल 1990 में वो पहली दफा शिवसेना की पार्टी से विधायक बने, इसके साथ ही वो विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष भी बने। साल 1996 में शिवसेना-बीजेपी सरकार में नारायण राणे राजस्व मंत्री बने, इसके बाद मनोहर जोशी के मुख्यमंत्री पद से हटने पर राणे को सीएम की कुर्सी पर बैठने का मौका मिला, 1 फरवरी 1999 को शिवसेना-बीजेपी के गठबंधन वाली सरकार में नारायण राणे मुख्यमंत्री बने। शिवसेना छोड़ने के बाद नारायण राणे 3 जुलाई 2005 में कांग्रेस में शामिल हुए। कांग्रेस में उपेक्षा होने से वह भाजपा में शामिल हो गए।
मुंबई-कोकण में बढ़ेगा भाजपा का दबदबा
अमित शाह के करीबी नारायण राणे का महाराष्ट्र के कोंकण इलाके में अच्छा प्रभाव माना जाता है। भाजपा यहां शुरू से कमजोर रही है, यही वजह है कि साथ चुनाव लड़ने के दौरान यहां की ज्यादातर सीटों पर शिवसेना के उम्मीदवार ही उतारे जाते थे। राणे के भाजपा में आने से महाराष्ट्र का यह हिस्सा भाजपा के लिए एक मजबूत गढ़ बन चुका है। बीजेपी, राणे के जरिये मराठा युवाओं को भी अपनी तरफ आकर्षित करना चाहती है। मराठा आरक्षण के लिए राणे की अध्यक्षता वाली समिति ने सिफारिश की थी। BMC का अगले साल चुनाव होना है। बीते 26 सालों से मुंबई में बीएमसी पर शिवसेना की सत्ता है। इस बार भाजपा ने शिवसेना को BMC से उखाड़ फेंकने की बात कही है। इसके लिए अतुल भातखलकर जैसे मराठा नेता जिम्मेदारी भी दी गई है। ऐसे में नारायण राणे को मंत्री बनने से बीएमसी चुनाव में भाजपा को फायदा होगा।