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G20 Summit 2023 : PM मोदी, राष्ट्रपति बाइडेन की द्विपक्षीय वार्ता

दोनों नेताओं ने यूक्रेन संकट, जलवायु परिवर्तन और आर्थिक सहयोग सहित कई मुद्दों पर चर्चा की।

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प्रशांत कारुलकर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन ने शुक्रवार को नई दिल्ली में जी20 शिखर सम्मेलन से इतर द्विपक्षीय वार्ता की। दोनों नेताओं ने यूक्रेन संकट, जलवायु परिवर्तन और आर्थिक सहयोग सहित कई मुद्दों पर चर्चा की।

एक संयुक्त बयान में, नेताओं ने कहा कि वे यूक्रेन में युद्ध के कारण उत्पन्न वैश्विक खाद्य सुरक्षा संकट से निपटने के लिए मिलकर काम करने पर सहमत हुए हैं।  उन्होंने जलवायु परिवर्तन पर तत्काल कार्रवाई करने और एक स्वतंत्र और खुले भारत-प्रशांत क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए मिलकर काम करने की भी प्रतिबद्धता जताई।

आर्थिक मोर्चे पर, नेता अपने व्यापार और निवेश संबंधों को मजबूत करने पर सहमत हुए।  उन्होंने स्वच्छ ऊर्जा प्रौद्योगिकियों और बुनियादी ढांचा परियोजनाओं पर सहयोग के तरीकों पर भी चर्चा की।

पीएम मोदी और राष्ट्रपति बिडेन के बीच बातचीत को दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने के अवसर के रूप में देखा गया।  नेताओं ने वैश्विक मुद्दों पर अपना घनिष्ठ समन्वय जारी रखने पर भी सहमति व्यक्त की।

वार्ता से मुख्य निष्कर्ष

– दोनों नेता यूक्रेन में युद्ध के कारण उत्पन्न वैश्विक खाद्य सुरक्षा संकट से निपटने के लिए मिलकर काम करने पर सहमत हुए।

– उन्होंने जलवायु परिवर्तन पर तत्काल कार्रवाई करने और एक स्वतंत्र और खुले भारत-प्रशांत क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए मिलकर काम करने की प्रतिबद्धता जताई।

– वे अपने व्यापार और निवेश संबंधों को मजबूत करने पर सहमत हुए।

– उन्होंने स्वच्छ ऊर्जा प्रौद्योगिकियों और इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं पर सहयोग के तरीकों पर भी चर्चा की।

वार्ता का महत्व

पीएम मोदी और राष्ट्रपति बिडेन के बीच बातचीत को दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने के अवसर के रूप में देखा गया।  नेताओं ने वैश्विक मुद्दों पर अपना घनिष्ठ समन्वय जारी रखने पर भी सहमति व्यक्त की।

यह वार्ता ऐसे समय में हो रही है जब दुनिया यूक्रेन में युद्ध, कोविड-19 महामारी और जलवायु परिवर्तन सहित कई चुनौतियों का सामना कर रही है।  इन चुनौतियों से निपटने और दुनिया में शांति और स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच साझेदारी को आवश्यक माना जाता है।

आगे क्या होगा?

उम्मीद है कि दोनों नेता आने वाले महीनों और वर्षों में अपना करीबी सहयोग जारी रखेंगे।  वे एक मजबूत और अधिक लचीली वैश्विक अर्थव्यवस्था बनाने के लिए भी मिलकर काम करेंगे।
 

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