गणपति विसर्जन के दिन प्रभादेवी में ठाकरे समूह और शिंदे समूह के बीच लड़ाई हुई थी। इस घटना ने अब गंभीर मोड़ ले लिया है। विपक्ष का आरोप है कि शिंदे गुट के विधायक सदा सरवणकर ने दादर थाने पर फायरिंग कर दी| इस मामले में पुलिस ने सदा सरवणकर की बंदूक जब्त कर ली है। पुलिस को बंदूक से एक गोली का खोल भी मिला है। इसलिए अब इस बंदूक की फोरेंसिक जांच की जा रही है। इसके अलावा पुलिस ने सदा सरवणकर को पूछताछ के लिए तलब किया है।
यह मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है। हालांकि, प्रभा देवी विवाद मामले में वास्तव में क्या हुआ था? क्या सदा सरवणकर ने थाने में गोली मारी? ऐसे कई सवाल अभी भी बाकी हैं। इन तमाम घटनाक्रमों के बाद शिंदे समूह के विधायक सदा सरवणकर ने खुद तमाम सवालों के जवाब दिए हैं| थाने पर फायरिंग करने का सवाल ही नहीं उठता। मैंने अपनी लाइसेंसी बंदूक पुलिस के पास जमा करा दी है। सदा सरवणकर ने भी कहा है कि वह संबंधित मामले की जांच में पूरा सहयोग करेंगे|
प्रभादेवी मामले पर टिप्पणी करते हुए सदा सरवणकर ने कहा कि शिंदे समूह ने गणेश विसर्जन के दिन भक्तों के स्वागत के लिए एक कार्यक्रम आयोजित किया था। हम पिछले कई सालों से इस कार्यक्रम का आयोजन कर रहे हैं। इस बार दोनों गुटों में कहासुनी हो गई। यह मामला वहीं खत्म होने की उम्मीद थी। हालांकि शिंदे गुट के शाखा प्रमुख संतोष तेलवाने के घर पर कुछ शिवसैनिकों ने हमला कर दिया। संतोष तेलवणे को मारने के लिए करीब 25 शिवसैनिक एकत्र हुए थे। इनमें से अधिकतर लोग हमारे परिचित थे।
सरवणकर ने आगे कहा कि महेश सावंत, संजय भगत जैसे लोग थे, वे सभी संतोष तेलवणे को पीट रहे थे, तभी किसी ने हमें फोन किया। हमें सूचना मिली थी कि 30 से 40 लोगों का दल आ रहा है और संतोष तेलवाने की पिटाई कर रहा है| उसके बाद हम तुरंत प्रभादेवी चौक गए, वहां से तेलवणे के घर गए। इतना सब होने के बाद मैं थाने में शिकायत दर्ज कराने गया। उस वक्त संतोष तेलवणे व अन्य भीड़ को पीटने वाले लोग थाने के बाहर जमा हो गए थे| सदा सरवणकर ने प्रतिक्रिया दी है कि इसका खामियाजा मोहल्ले के लोगों को भी भुगतना पड़ रहा है|
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