घाटकोपर होर्डिंग हादसे के मामले में मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच की स्पेशल टीम ने कोर्ट में 3 हजार 300 पेज की चार्जशीट दाखिल की है|इस त्रासदी में 17 निर्दोष लोगों की जान चली गई। इससे पहले भाजपा नेता किरीट सोमैया ने आरोप लगाया था कि इस होर्डिंग मामले में भारी भ्रष्टाचार हुआ है| इस घटना के बाद, आईपीएस अधिकारी कैसर खालिद को जमाखोरी मामले में शामिल होने के आरोप में निलंबित कर दिया गया था। हालांकि खालिद ने पूछताछ में कहा है कि यह घटना उनके कार्यकाल के दौरान नहीं हुई, लेकिन जिन मामलों की जांच की गई है वह कैसर खालिद के खिलाफ इशारा करते नजर आ रहे हैं|
घाटकोपर होर्डिंग घटना में दायर आरोप पत्र में, विशेष अपराध शाखा पुलिस ने तत्कालीन पुलिस आयुक्त कैसर खालिद और रेलवे पुलिस आयुक्त रवींद्र शिसवे के बयान दर्ज किए हैं।क़ैसर ख़ालिद से पूछताछ में उसने बताया कि उसने अनुमति इस आधार पर दी थी कि इससे ‘रेलवे पुलिस कल्याण कोष’ को फायदा होगा|हालांकि, अनुमति देने में हुई अनियमितता के संबंध में उन्होंने कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया है|खालिद ने परोक्ष रूप से मौजूद रेलवे पुलिस कमिश्नर रवींद्र शिसवे पर उंगली उठाने की कोशिश करते हुए कहा है कि यह घटना उनके कार्यकाल में नहीं हुई, बल्कि उन लोगों की है जिनके कार्यकाल में यह घटना घटी थी|
खालिद को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया: हालांकि कैसर खालिद ने उनसे हाथ मिलाने की कोशिश की| हालांकि जमाखोरी मामले में अरशद खान के जरिए खालिद की पत्नी के नाम पर एक कंपनी से लेनदेन खालिद की मुश्किलें बढ़ा सकता है| इस लेनदेन के लिए खालिद को निलंबित कर दिया गया है। उधर, इस मामले में रेलवे पुलिस कमिश्नर रवींद्र शिसवे का बयान दर्ज किया गया है| शिसवे को इस अनाधिकृत जमाखोरी की जानकारी मिली|
उस समय 2023 में मैंने पुलिस महानिदेशक को पत्र लिखकर इस ओर ध्यान दिलाया था|उन्होंने आगे की कार्रवाई के संबंध में रिपोर्ट भी मांगी|सूत्रों ने जानकारी दी है कि शिसवे ने इस जमाखोरी मामले में की गई कागजी कार्रवाई की जानकारी दी है|इस घटना के बाद पुलिस महानिदेशक कार्यालय की ओर से खालिद को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था|हालांकि, सूत्रों ने बताया कि खालिद ने रिपोर्ट नहीं मिलने का हवाला देकर पत्र का जवाब देने से परहेज किया।
300 पेज की चार्जशीट में 102 लोगों के बयान: 3 हजार 300 पेज की इस चार्जशीट में पुलिस ने 102 लोगों के बयान दर्ज किए हैं|90 उत्तर मृत परिवारों के रिश्तेदारों से हैं। 2 नगर निगम अधिकारी, 6 रेलवे पुलिस अधिकारी और बाकी आरोपियों और इस घटना से जुड़े अन्य लोगों ने अपना बयान दिया है|पुलिस अधिकारियों से मिली जानकारी के मुताबिक, आरोप पत्र तो दाखिल हो चुका है, लेकिन मामले की जांच अभी नहीं रुकी है|173(8) के अनुसार इस मामले की जांच जारी रहेगी, जिसमें पुलिस भविष्य में नगर निगम अधिकारियों, रेलवे पुलिस अधिकारियों और घटना से जुड़े लोगों से पूछताछ कर सकती है|
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