बिहार की सियासत में बयानबाज़ी का पारा चढ़ा हुआ है, और इस बार इसे गरमाया है जनता दल यूनाइटेड के फायरब्रांड विधायक गोपाल मंडल ने। उन्होंने कांग्रेस और विपक्षी गठबंधन को लेकर जमकर शब्दबाण चलाए, तो वहीं एनडीए की संभावित विजय का नगाड़ा भी पूरे विश्वास के साथ बजा दिया।
मंडल ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बक्सर दौरे पर करारा तंज कसते हुए कहा, “खड़गे को बिहार में कौन जानता है? उनके आने से कोई फर्क नहीं पड़ता।” उनकी सभा में खाली कुर्सियों पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने मीडिया से कहा, “जब जनता उन्हें जानती ही नहीं, तो भला सुनने क्यों आएगी? राहुल गांधी और सोनिया गांधी को तो फिर भी लोग पहचानते हैं।”
गोपाल मंडल केवल यहां नहीं रुके। उन्होंने आगामी विधानसभा चुनाव में एनडीए की संभावित जीत की भविष्यवाणी करते हुए कहा, “बहुत लोग 225 सीट की बात कर रहे हैं, लेकिन मैं कहता हूं – एनडीए 243 में से 235 सीटें जीतेगा। सरकार तो एनडीए की ही बनेगी और मुख्यमंत्री फिर से नीतीश कुमार ही होंगे।” वे यह भी जोड़ते हैं कि नीतीश को दरकिनार कर बिहार में कोई नहीं आ सकता।
चिराग पासवान की महत्वाकांक्षाओं पर भी उन्होंने व्यंग्य करते हुए कहा कि “वे ज्यादा सीटों के लिए दबाव बना रहे हैं। उनके पिताजी भी केंद्र में ही थे। चिराग हमलोगों के छोटे भाई जैसे हैं, उन्हें ऐसे बयान नहीं देने चाहिए।”
विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव पर भी मंडल की जुबान बर्फीली नहीं, बल्कि ज्वालामुखी जैसी गर्म दिखी। उन्होंने कहा, “अपराध होते हैं, लेकिन कार्रवाई भी होती है। 2005 से पहले क्या हालात थे? लोग बिहार छोड़ रहे थे।” तेजस्वी को उन्होंने ‘बड़बोला’ बताते हुए कटाक्ष किया कि “अब उनकी सरकार गई है, और वह कभी लौटेगी नहीं।”
जेडीयू में नेतृत्व को लेकर चल रही चर्चाओं में गोपाल मंडल ने साफ कर दिया कि पार्टी की भविष्य की दिशा निशांत कुमार तय करेंगे। उन्होंने कहा, “मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पुत्र निशांत का राजनीति में आना तय है। अगर वे नहीं आए, तो जेडीयू समाप्त हो जाएगी। पार्टी में कोई और नेता नहीं है जो मुख्यमंत्री बनने लायक हो।”
बिहार की राजनीति में इस समय शह-मात का खेल चल रहा है, और गोपाल मंडल जैसे नेता अपने तीखे बयानों से विरोधियों के पांव उखाड़ने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे। लेकिन यह भी तय है कि बयानबाज़ी के इस महासमर में अंतिम परिणाम का फैसला जनता ही करेगी — वोट की चोट से, न कि केवल शब्दों की मार से।
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