भारत और सऊदी अरब के रिश्तों ने मंगलवार (22अप्रैल )को एक नया, और बेहद प्रतीकात्मक मुकाम छू लिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब सऊदी अरब की दो दिवसीय राजकीय यात्रा के लिए रवाना हुए, तो जेद्दा पहुंचने से पहले ही उनका स्वागत एक खास अंदाज में किया गया — रॉयल सऊदी एयरफोर्स के लड़ाकू विमानों ने पीएम मोदी के विमान को एस्कॉर्ट किया। यह केवल हवाई सुरक्षा का मामला नहीं था, बल्कि एक ऐतिहासिक रिश्ते के सम्मान और गहराई को दर्शाने वाला कदम था, जो दोनों देशों की रणनीतिक साझेदारी की ऊंचाईयों को बयां करता है।
भारतीय विदेश मंत्रालय ने इस अभूतपूर्व दृश्य को ‘दोस्ती की ऊंची उड़ान’ करार दिया। मंत्रालय ने ट्वीट किया, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की राजकीय यात्रा के एक विशेष संकेत के रूप में, उनके विमान को सऊदी हवाई क्षेत्र में प्रवेश करते ही रॉयल सऊदी वायु सेना ने एस्कॉर्ट किया।” यह वह दृश्य था जो केवल कैमरों के लिए नहीं, इतिहास के पन्नों में दर्ज होने के लिए रचा गया था।
इससे पहले रवाना होने से पहले पीएम मोदी ने स्पष्ट किया कि इस यात्रा का उद्देश्य महज़ औपचारिकता नहीं, बल्कि साझेदारी की गति को और मजबूत करना है। उन्होंने कहा, “भारत सऊदी अरब के साथ अपने पुराने और ऐतिहासिक संबंधों को बहुत महत्व देता है, जिसने हाल के वर्षों में रणनीतिक गहराई और गति हासिल की है।”
यह यात्रा महत्त्वपूर्ण इसलिए भी है क्योंकि यह सऊदी अरब की उनकी तीसरी यात्रा है, और ऐतिहासिक शहर जेद्दा की पहली। वे क्राउन प्रिंस और प्रधानमंत्री मोहम्मद बिन सलमान के साथ रणनीतिक साझेदारी परिषद की दूसरी बैठक में भाग लेंगे। यह वही मोहम्मद बिन सलमान हैं, जिनकी भारत यात्रा 2023 में हुई थी और जिन्हें पीएम मोदी ने ‘भाई’ कहकर संबोधित किया था।
प्रधानमंत्री की यह यात्रा उस भारतीय समुदाय के लिए भी आशा और अपनत्व का संदेश लेकर आई है, जो सऊदी अरब की धरती पर वर्षों से मेहनत कर दोनों देशों के बीच मानवीय पुल का कार्य कर रहा है। पीएम मोदी ने कहा कि वे भारतीय प्रवासियों से मिलने को उत्सुक हैं, जो सांस्कृतिक और सामाजिक संबंधों की मजबूती का आधार हैं।
याद रहे कि प्रधानमंत्री मोदी को 2016 में सऊदी अरब के सर्वोच्च नागरिक सम्मान से नवाज़ा जा चुका है। और अब जब फाइटर जेट्स उन्हें सम्मानित करने के लिए उड़ते हैं, तो यह केवल राजनयिक औपचारिकता नहीं — यह सच्चे और विश्वासपूर्ण रिश्तों की हवा में उडान है।
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