इंडिगो में जारी बड़े पैमाने की संचालन अव्यवस्था के बीच, नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने कहा कि पायलट और क्रू के लिए संशोधित रोस्टरिंग नियम (FDTL Norms) पर कोई समझौता नहीं होगा। लोकसभा में बोलते हुए मंत्री ने चेतावनी दी कि चाहे एयरलाइन कितनी भी बड़ी क्यों न हो, यात्रियों को परेशानी पहुँचाने की इजाज़त नहीं दी जाएगी। मंत्री ने कहा कि देश के अलग-अलग हवाई अड्डों पर इंडिगो की उड़ानों की स्थिति अब धीरे-धीरे स्थिर हो रही है, लेकिन जो व्यापक अव्यवस्था और रद्द उड़ानों की श्रृंखला देखने को मिली, वह स्वीकार्य नहीं है।
इंडिगो में परिचालन संकट सात दिनों से जारी है। मंगलवार (9 दिसंबर)को लगभग 500 उड़ानें रद्द करनी पड़ीं, हालांकि संख्या पिछले सप्ताह की तुलना में कुछ कम है। यात्रियों ने कई हवाई अड्डों पर लंबी कतारें, देरी और अव्यवस्था की शिकायतें कीं। नायडू ने संसद में कहा, “इंडिगो में अव्यवस्था अब स्थिर हो रही हैं… कोई भी एयरलाइन, चाहे वह कितनी भी बड़ी हो, प्लानिंग फेलियर, नॉन-कम्प्लायंस या कानूनी नियमों का पालन न करने के चलते यात्रियों को परेशानी नहीं दे सकती।”
जैसे-जैसे हालात बिगड़ते गए, नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने इंडिगो को रात की उड़ानों के लिए FDTL नियमों में अस्थायी छूट दी, ताकि पायलटों की तैनाती आसान हो सके और उड़ानें रद्द न करनी पड़े। हालांकि इस कदम की कड़ी आलोचना हुई। कई एविएशन विशेषज्ञों ने आरोप लगाया कि सरकार ने इंडिगो के दबाव में झुककर यह छूट दी, जबकि एयरलाइन घरेलू बाजार का लगभग दो-तिहाई (66%) हिस्सा नियंत्रित करती है।
मंत्री नायडू ने स्पष्ट किया कि नए रोस्टरिंग नियम अनिवार्य हैं, किसी भी परिस्थिति में ढील नहीं दी जाएगी। एयरलाइनों की प्लानिंग विफल हो तो इसका खामियाजा यात्रियों को नहीं भुगतना चाहिए। इंडिगो में अभी भी परिचालन बहाली का काम जारी है, लेकिन सरकार ने संकेत दिया है कि कड़े कदम उठाने में हिचकिचाहट नहीं होगी, चाहे वह किसी भी स्तर पर जवाबदेही तय करने की बात हो।
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