छत्रपति शिवाजी महाराज सहित महापुरुषों का अपमान, कर्नाटक के मुख्यमंत्री द्वारा सीमावर्ती क्षेत्र, बेरोजगारी और महंगाई को लेकर दिए गए भड़काऊ बयानों के खिलाफ महाविकास अघाड़ी की ओर से आज (17 दिसंबर) ‘हल्ला बोल’ मार्च निकाला है| इसी को लेकर शिवसेना ने ‘सामना’ हेडलाइन के जरिए केंद्र की मोदी सरकार और शिंदे सरकार की आलोचना की है|
कुछ भी हो कर्नाटक की दुम टेढ़ी ही रहेगी। क्योंकि महाराष्ट्र में एक अवैध कुटिल दुम की सरकार सत्ता में बैठी है और वह दिल्ली की गुलाम है। वे महाराष्ट्र की जनता को भी दिल्ली का गुलाम बनाना चाहते हैं। वे महाराष्ट्र को बेचना चाहते हैं और दिल्ली के चरणों में केवल पेटियां चढ़ाना चाहते हैं।
इसके लिए छत्रपति शिवराय डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर, महात्मा फुले जैसे देवताओं का अपमान किया जा रहा है, लेकिन महाराष्ट्र की जनता अपमान बर्दाश्त नहीं करेगी। वह एक बाघ की छाती और एक शेर के साहस के साथ महान मार्च में शामिल होंगी। शिवसेना ने शिंदे सरकार को चेतावनी दी है कि अगर उन्हें महाराष्ट्र प्रेमियों का मार्च नजर आए तो याद रखना!
“महाराष्ट्र में वर्तमान सरकार को एक अतिरिक्त संवैधानिक तरीके से सत्ता में लाया गया है। यह सरकार महाराष्ट्र की बदमाश है। इस हंगामे को रोकने के लिए आज मुंबई में सभी महाराष्ट्र प्रेमियों का एक विशाल मार्च होने जा रहा है|
इस मार्च से फडणवीस-शिंदे सरकार के पैरों तले रेत खिसक गई है| इसलिए ये लोग अनुमति नहीं देने से लेकर शर्तें लगाने और अड़ंगे लगाने तक महाराष्ट्र प्रेमियों के भव्य मार्च को निकलने से रोकने की कोशिश कर रहे हैं. शिवसेना ने तय किया है कि बाधाओं के बावजूद महाराष्ट्र प्रेमियों का मार्च जारी रहेगा।
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