हरियाणा सरकार के स्वास्थ्य विभाग की स्टेट टास्क फोर्स (एसटीएफ) द्वारा कन्या भ्रूण हत्या और अवैध लिंग जांच के खिलाफ लगातार कड़ी कार्रवाई की जा रही है। स्वास्थ्य सेवाओं के महानिदेशक डॉ. कुलदीप सिंह के अनुसार, पिछले एक महीने में एसटीएफ ने दिल्ली, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, राजस्थान और मध्य प्रदेश के सतना तक 1200 से अधिक छापेमारी की हैं। इनमें से 50 प्रतिशत छापेमारी सफल रही हैं, जिनमें अवैध गतिविधियों का खुलासा हुआ है।
डॉ. सिंह ने आईएएनएस से बातचीत में बताया कि एसटीएफ हर मंगलवार को बैठक करती है, जिसमें सभी संबंधित विभागों के अधिकारी शामिल होते हैं। इस बैठक में सभी जिलों में की गई कार्रवाइयों की समीक्षा की जाती है। हाल ही में आयोजित बैठक में उप सिविल सर्जन, पीएनडीटी के जिला नोडल अधिकारी और औषधि नियंत्रण अधिकारियों को बुलाया गया था।
एसटीएफ ने अवैध मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी (एमटीपी) किट की ऑनलाइन बिक्री को लेकर भी कार्रवाई की है। पिछले एक महीने में 23 वेबसाइट्स के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई हैं, जो बिहार और अन्य राज्यों से अवैध किट सप्लाई कर रही थीं।
हरियाणा में लिंग अनुपात में सुधार लाने के लिए भी प्रयास तेज किए गए हैं। 2019 में राज्य का लिंग अनुपात 916 था, जो 2024 में घटकर 910 हो गया है। हालांकि, इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए सरकार ने कठोर कदम उठाए हैं, और मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने भी नवरात्रि के पहले दिन इस मुद्दे पर स्पष्ट निर्देश दिए थे। उनका लक्ष्य राज्य का लिंग अनुपात 950 से ऊपर लाना है।
एसटीएफ ने जिला स्तर पर पांच से छह सदस्यीय टीमें बनाई हैं, जो सूचना मिलने पर तत्काल छापेमारी करती हैं। इसके अलावा, खुफिया नेटवर्क को मजबूत करने और तकनीक का उपयोग करने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) का सहारा लिया जा रहा है, ताकि अवैध लिंग जांच के केंद्रों का पता लगाया जा सके।
डॉ. सिंह ने यह भी स्पष्ट किया कि भ्रूण हत्या में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है और इसे करवाने वालों को भी सजा दी जाएगी। राज्य सरकार का उद्देश्य केवल अपराधियों को सजा दिलाना नहीं है, बल्कि समाज में जागरूकता फैलाकर इस सामाजिक कुप्रथा को खत्म करना भी है।
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