हरियाणा में 90 सीटों पर मतगणना शुरू हो गई है। शुरुआती रुझानों में कांग्रेस काफी आगे थी, वहीं कुछ देर बाद उलटफेर हुआ और भाजपा ने बढ़त बना ली। प्रदेश की सबसे चर्चित व हॉट सीट लाडवा में हार-जीत जाट व ओबीसी वोट बैंक पर टिकी है। गढ़ी सांपला किलोई से भूपेंद्र सिंह हुड्डा आगे है। भाजपा प्रत्याशी के रूप में यहां से मुख्यमंत्री नायब सैनी मैदान में हैं, जो पार्टी के ओबीसी वर्ग के बड़े चेहरे हैं। जाट समुदाय के कांग्रेस प्रत्याशी एवं निवर्तमान विधायक मेवा सिंह नायब सैनी के मुख्य प्रतिद्वंद्वी हैं। नायब सैनी आगे चल रहे हैं।
हरियाणा के जुलाना सीट पर जाट बनाम ब्राह्मण के बीच कड़ा मुकाबला है। 2005 के बाद से जीत न सकी कांग्रेस ने इस बार ओलंपियन विनेश फोगाट को प्रत्याशी बनाया है। कांग्रेस को विनेश के जाट चेहरे और सेलिब्रिटी स्टेटस का सहारा है। वही, भाजपा ने योगेश बैरागी को मैदान में उतारकर ओबीसी वोटों को साधने का प्रयास किया है। कांग्रेस के बागी डॉ. सुरेंद्र लाठर इनेलो के टिकट पर चुनाव मैदान में हैं।
हरियाणा विधानसभा चुनाव के सियासी समर के लिए चर्चित चेहरों और बागियों के उतरने से मुकाबला रोचक बना हुआ है। भाजपा, कांग्रेस, इनेलो-बसपा, जजपा-आसपा और आप प्रत्याशियों ने 49 दिन के प्रचार में अपने वादों और घोषणाओं से मतदाताओं को लुभाने की पूरी कोशिश की।
बांगड़ की सबसे हॉट सीट हिसार में भाजपा के मंत्री डॉ. कमल गुप्ता पांचवीं बार मैदान में है। डॉ. गुप्ता स्वास्थ्य व शहरी विकास मंत्री रहे हैं। राजस्थान और पंजाब से सटे डबवाली में पूर्व उप प्रधानमंत्री ताऊ देवीलाल के कुनबे के तीन सदस्यों में टक्कर है। कांग्रेस से अमित सिहाग, इनेलो से आदित्य देवीलाल और जजपा से दिग्विजय चौटाला एक-दूसरे के खिलाफ ताल ठोक रहे हैं।
26 साल बाद दोनों परिवार एक-दूसरे के खिलाफ मैदान में उतरे हैं। तोशाम में दोनों ही खुद को बंसीलाल का वारिस साबित करने की जंग भी लड़ रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री चौ. बंसीलाल के गढ़ तोशाम में उनके ही पोते व पोती कांग्रेस प्रत्याशी अनिरुद्ध चौधरी और भाजपा प्रत्याशी श्रुति चौधरी पर एक दूसरे के खिलाफ मैदान दिखाई दे रहे हैं।
हरियाणा विधानसभा चुनाव में इनेलो-बसपा गठबंधन और आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी भी मुकाबले को रोचक बना रहे हैं। भाजपा से शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर के सामने कांग्रेस प्रत्याशी एवं बसपा से पूर्व विधायक रहे अकरम खान मैदान में हैं। तीन बार यहां बसपा का विधायक बन चुका है, इसलिए यहां बसपा मुकाबले को त्रिकोणीय भी बना रही है।
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