उत्तर रेलवे ने शनिवार को ही विनेश और बजरंग के इस्तीफों को स्वीकार करने की प्रक्रिया शुरू कर दी थी। इससे पहले पूनिया और फोगाट हाल में कांग्रेस में शामिल हुए थे। फोगाट को हरियाणा में जुलाना विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने के लिए टिकट दिया गया है। दोनों ने कांग्रेस पार्टी में शामिल होने से पहले अपने-अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। इससे पहले
अनुमान लग रहा था कि फोगाट तीन महीने की नोटिस अवधि के नियम के कारण शायद चुनाव न लड़ पाएं। चुनाव नियमों के अनुसार, उन्हें चुनाव लड़ने के लिए रेलवे से आधिकारिक रूप से पदमुक्त होने की जरूरत है। रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि किसी रेलवे कर्मचारी की ओर से इस्तीफा देने के बाद तीन महीने की नोटिस अवधि के दौरान सेवा देने का प्रावधान इन दोनों खिलाड़ियों को पदमुक्त करने में आड़े नहीं आएगा, क्योंकि हमने उनके मामलों में मानदंडों में ढील देने का फैसला किया है।
बता दें कि उत्तर रेलवे ने दोनों खिलाड़ियों के कांग्रेस में शामिल होने के लिए पार्टी नेता राहुल गांधी से मुलाकात करने के बाद उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया था। उत्तर रेलवे ने कहा था कि कारण बताओ नोटिस सेवा नियमावली का हिस्सा है, क्योंकि वे सरकारी कर्मचारी हैं। इस नोटिस के बाद दोनों ने रेलवे से इस्तीफा दे दिया था।
गौरतलब है कि खिलाड़ियों के इस्तीफे को लेकर चर्चाएं की जा रही थी कि तीन महीने की नोटिस अवधि के नियम के कारण शायद चुनाव न लड़ पाएं। चुनाव नियमों के अनुसार, उन्हें चुनाव लड़ने के लिए रेलवे से आधिकारिक रूप से पदमुक्त होने की जरूरत है। उत्तर रेलवे के एक अधिकारी ने बताया कि चूंकि, अब रेलवे ने उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया है तो उनके चुनाव लड़ने में कोई बाधा नहीं आएगी।
वही दूसरी ओर दिल्ली के जंतर-मंतर पर पूनिया और फोगाट 2023 में भारतीय जनता पार्टी के पूर्व सांसद और भारतीय कुश्ती महासंघ के तत्कालीन प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों को लेकर हुए विरोध प्रदर्शन के कारण काफी चर्चा का विषय बना हुआ था| इसको लेकर संघ और पार्टी दोनों से हाथ धोना पड़ा था|
यह भी पढ़ें-
यूपी में कालिंदी एक्सप्रेस उड़ाने की थी साजिश; मिला एलपीजी सिलेंडर और विस्फोटक से भरी सामग्री!