केंद्र सरकार की ओर अग्निपथ योजना के तहत सेना में अग्निवीर सैनिकों की भर्ती को लेकर बिहार में विरोध के नाम पर गत महीने प्रदर्शनकारियों ने जमकर उत्पात मचाया था। पटना हाईकोर्ट ने सरकारी संपत्ति को हुए नुकसान की भरपाई उपद्रवियों से करने की मांग वाली जनहित याचिका को खारिज कर दिया है। यानी कि राज्य में उपद्रवियों से जुर्माना वसूलने की फिलहाल कोई कार्यवाही नहीं होने वाली है।
बता दें कि याचिका में छात्रों को भड़काने और अराजकता फैलाने वाले तत्वों की मदद करने वाले लोगों की जांच करने की भी मांग की गई थी। पटना हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय करोल और न्यायमूर्ति एस कुमार की खंडपीठ ने शुक्रवार को इस मामले पर सुनवाई की।
पटना हाई कोर्ट को बताया गया कि जिम्मेदार अधिकारी उग्र आंदोलन को रोकने में नाकामयाब रहे, इस कारण कई सौ करोड़ रुपए की सरकारी संपत्तियों को नष्ट किया गया। उनका कहना था कि इस आंदोलन में छतिग्रस्त संपत्ति का आकलन कर आंदोलनकारियों से पैसों की वसूली की जाए। साथ ही इस आंदोलन में भाग लेने वाली राजनीतिक पार्टियों पर भी जुर्माना लगाया जाए।
गौरतलब है कि महाधिवक्ता ललित किशोर ने कोर्ट को बताया कि इस आंदोलन से निपटने के लिए राज्य सरकार पूरी तरह मुस्तैद थी। सरकार ने आंदोलन को रोकने के लिए सख्त इंतजाम किए थे, लेकिन गलत नियत से सरकार को बदनाम करने के लिए इस प्रकार की लोकहित याचिका दायर की गई है।
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