हिमाचल: उत्तर प्रदेश के बाद अब हिमाचल में भी भोजनालयों पर लिखा जायेगा मालिकों का नाम! 

खाद्य पदार्थों को बनाने, बेचने अथवा अन्य संबंधित गतिविधियों से जुड़े नियमों को व्यवहारिकता का ध्यान रखते हुए और सख्त किया जाए। नियमों की अवहेलना पर तत्काल कार्रवाई होनी चाहिए।

हिमाचल: उत्तर प्रदेश के बाद अब हिमाचल में भी भोजनालयों पर लिखा जायेगा मालिकों का नाम! 

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उत्तर प्रदेश की तर्ज पर अब हिमाचल में भी भोजनालय और फास्ट फूड कॉर्नर, रेहड़ी पर मालिक का नाम लिखने के आदेश दिए हैं। बताया जा रहा है कि, शहरी विकास मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने फेसबुक पर पोस्ट डालकर यह जानकारी दी। साथ ही उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओर से इस संबंध में लिए गए फैसले को भी दर्शाया है।

गौरतलब है कि मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खानपान की वस्तुओं में मानव अपशिष्ट और गंदी चीजों की मिलावट करने वालों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई के निर्देश दिए थे।हिमाचल में भी यूपी की तर्ज पर हर भोजनालय और फास्ट फूड काॅर्नर, रेहड़ी पर मालिक की आईडी लगाई जाएगी, ताकि लोगों को किसी भी तरीके की परेशानी न हो। इसके लिए शहरी विकास एवं नगर निगम की बैठक में निर्देश जारी कर दिए गए हैं।

बता दें कि मुख्यमंत्री योगी ने निर्देश दिया कि खान पान के केंद्रों पर साफ-सफाई होनी चाहिए। यह सुनिश्चित किया जाए कि खाद्य पदार्थों को तैयार करने तथा सर्विस के समय संबंधित व्यक्ति मास्क और ग्लव्स का उपयोग जरूर करें, इसमें किसी प्रकार की लापरवाही नहीं होनी चाहिए। आमजन के स्वास्थ्य हितों से किसी भी प्रकार का खिलवाड़ नहीं किया जा सकता। खाद्य पदार्थों को बनाने, बेचने अथवा अन्य संबंधित गतिविधियों से जुड़े नियमों को व्यवहारिकता का ध्यान रखते हुए और सख्त किया जाए। नियमों की अवहेलना पर तत्काल कार्रवाई होनी चाहिए।

उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ गत दिनों एक उच्चस्तरीय बैठक में प्रदेश के सभी होटलो, ढाबों और रेस्टोरेंट आदि संबंधित प्रतिष्ठानों की गहन जांच और उसकी वैधता की जांच आदि के भी निर्देश दिए हैं साथ ही आम जन की स्वास्थ्य सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए नियमों में आवश्यकतानुसार संशोधन के भी निर्देश दिए।

उन्होंने ने जोर देते हुए कहा कि विभिन्न क्षेत्रों में जूस, दाल और रोटी जैसी खाद्य वस्तुओं में मानव वस्तुओं में मानव अपशिष्ट, अखाद्य और गंदी वस्तुओं की मिलावट की घटनाएं देखने को मिली हैं। ऐसी घटनाएं वीभत्स हैं और आम आदमी के स्वास्थ्य पर इसका गंभीर परिणाम होता हैं। ऐसे में इस तरह के प्रयास कतई स्वीकार नहीं किया जा सकते।

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