गृह मंत्री अमित शाह ने एएनआई को दिए इंटरव्यू में दावा क़िया कि त्रिपुरा में एक बार फिर बीजेपी की सरकार बनेगी। यहां हमारा वोट प्रतिशत बढ़ा है। इससे साफ़ है कि एक बार फिर त्रिपुरा में बीजेपी की सरकार बनेगी। उन्होंने इस दौरान उन्होंने कई मुद्दों पर खुलकर अपनी बात रखी। अडानी के मुद्दे पर कहा कि बीजेपी का इससे कोई संबंध नहीं है। जबकि पीएफआई बैन प भी अपनी बात रखे। त्रिपुरा के आलावा उन्होंने छत्तीसगढ़,राजस्थान, मध्य प्रदेश और कर्नाटक पर भी बड़ा ब्यान दिया। उन्होंने कहा कि इस राज्यों में इस साल चुनाव होने है जिसमें बीजेपी जीत दर्ज करेगी।
मुगलों के योगदान को नहीं हटाना चाहते: उन्होंने कहा कि त्रिपुरा में इस बार सभी पार्टियां बीजेपी से डर रही हैं। यही वजह है कि लेफ्ट भी कांग्रेस के साथ आ गई है। जब अमित शाह से शहरों के नाम बदले के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि हम मुगलों के योगदान को नहीं हटाना चाहते है। और न ही किसी के योगदान को हटाने की हमारी योजना है। उन्होंने आगे कहा कि अगर कोई इस देश की परम्परा को स्थापित करना चाहता है तो किसी को कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए। हमारी सरकार ने इस संबंध में बहुत ही सोच विचारकर फैसला लेती है। जबकि इसका संवैधानिक अधिकार राज्यों के पास है।
पीएफआई पर बैन लगाया: अमित शाह ने कहा कि हमने पीएफआई पर बैन लगाया है। इसका कोई विरोध नहीं किया। कांग्रेस ने पीएफआई कैडर के खिलाफ लगे अलग अलग केसों को खत्म करने का प्रयास किया है। जिस पर कोर्ट ने भी रोक लगाई थी। इसमें पता नहीं क्यों कांग्रेस को बुरा लगता है। उन्होंने कहा कि हमने पीएफआई पर कड़े कानून के तहत कार्रवाई की है। उन्होंने परिवार पर अपनी बात रखते हुए कहा कि बीजेपी में दूसरी पीढ़ी के नेता हैं। लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष का बेटा अध्यक्ष बन जाए। या पूरा परिवार की सांसद या विधायक बन जाए। यह कैसी परिवारवाद की तुलना है।
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