चीन के यात्रा प्रतिबन्ध को लेकर मानवाधिकार परिषद ने ज़ाहिर की चिंता!

चीन में उइगर की स्थितियों को लेकर कई बार सवाल उठते हैं| चीन में सामाजिक स्वतंत्रता के नाम पर उइगर का शोषण और उन्हें उनके अधिकारों से वंचित रखने की बहुत लम्बी प्रक्रिया चीन में चल रही  है|

चीन के यात्रा प्रतिबन्ध को लेकर मानवाधिकार परिषद ने ज़ाहिर की चिंता!

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चीन के कट्टरपंथी उइगर मुसलमानों पर यात्रा प्रतिबंधों को लेकर संयुक्त राष्ट्र की मानवाधिकार परिषद ने अपनी रिपोर्ट में चिंता ज़ाहिर की है| रिपोर्ट में यह भी लिखा गया है कि विदेश में रह रहे उइगर मुसलमानों को शिनजियांग प्रान्त में वापसी को लेकर भी कई प्रतिबन्ध हैं और उन पर यह दबाव डाला जाता है कि वे यह दर्शाएं कि क्षेत्र में सब ठीक है| 

उइगर मुसलमानों की यात्रा को लेकर चीन के प्रतिबंधों का ब्यौरा देते हुए रिपोर्ट में यह बताया गया कि जो भी उइगर चीन से बहार जाते हैं उन्हें तय समय सीमा के अंदर वापस आना पड़ता है, वे किसी भी ऐसे व्यक्ति या संस्थान से नहीं मिल सकते या उनसे कोई चर्चा नहीं सकते हैं जिनके विचार चीन के राजनीतिक और सामाजिक विचारधाराओं से सम्मिलित ना होते हों| 

ऐसा करने से उन पर कानूनी कार्यवाही की जाती है| चीन में उइगर की स्थितियों को लेकर कई बार सवाल उठते हैं| चीन में सामाजिक स्वतंत्रता के नाम पर उइगर का शोषण और उन्हें उनके अधिकारों से वंचित रखने की बहुत लम्बी प्रक्रिया चीन में चल रही  है|

गौरतलब है कि यह वही चीन है जिसके विकास और पारदर्शिता का उदाहरण देकर विपक्ष अक्सर सरकार को घेरने और जनता को भड़काने के आरोप लगता आ रहा है| सरकार पर कई बार ऐसा आरोप लगाया जाता है कि वह अल्पसंख्यकों के लिए कोई कार्य नहीं करती है| 

बजट 2025 में किसान और मध्यम वर्ग के नागरिकों के लिए सरकार ने जो नियम बनाये और कदम उठाये हैं वह विपक्ष को असफल दिखाई देते हैं| ऐसे में चीन पर आयी इस रिपोर्ट से यह साफ़ साबित हो चुका है कि दुनिया के सामने पारदर्शिता के बखान करने वाले चीन पर खुद ही अल्पसंख्यकों का शोषण करने के आरोप हैं|

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