जब मेरी फैक्ट्री पर छापा पड़ा तो आप लोगों ने दो दिन में 11 करोड़ का फंड इकट्ठा कर लिया| मैंने तुम्हें क्या दिया? जैसे आप धूप में बैठे हैं तो मंच भी धूप में ही बनता है। पंकजा मुंडे ने अपने भाषण में कहा है कि एक बार मुझे कुछ नहीं मिला, लेकिन आपको अपना हक मिलना चाहिए|
ना जाने मुझे कैसे परखता है मेरा ऊपरवाला.. इम्तेहान लेता है मगर हार नहीं देता है..: पंकजा मुंडे ने भी आज ये टिप्पणी कही है| भले ही मैं अपने जीवन में एक चुनाव हार गया हूं, लेकिन मैं आपकी (जनता की) नजरों से नहीं गिरा हूं। यह कोई जाति का व्यक्ति नहीं है जो यहां आया हो| जैसा कि गोपीनाथ मुंडे कहा करते थे, मैं आपके प्यार, स्नेह और ऋण को अपनी खाल उतारकर भी नहीं चुका सकता। क्या आज किसान खुश हैं? उपस्थित लोगों ने उत्तर नहीं दिया। मेरे भाषण में वे लोग भी आये जो खेतिहर मजदूर हैं, उन्हें भी मजदूरी नहीं मिल रही है| आज यही स्थिति है. गन्ना काटने वाले लोग हैं, जब तक उन्हें अधिक पैसा नहीं मिलेगा, वे गन्ना काटने नहीं जायेंगे। पंकजा मुंडे ने यह भी कहा है कि जब तक सबकी मेहनत पूरी नहीं हो जाती, मैं चैन से नहीं बैठूंगी|
आज महाराष्ट्र में बहुत सारे गंभीर सवाल हैं| मराठा आरक्षण का मुद्दा इतना गंभीर हो गया है| ओबीसी समुदाय सरकार की ओर आशा भरी नजरों से देखता है|अब कोई भी समाज निराशा का दर्द सहन नहीं कर सकता, जब मैं शिव शक्ति परिक्रमा के लिए गया तो जेसीबी द्वारा फूलों से मेरा स्वागत किया गया। आपने मेरा इस तरह स्वागत किया कि मैं आपको आत्मसम्मान दे सकूं|
उन्होंने यह भी नहीं सोचा था कि गोपीनाथ मुंडे राज्य के उपमुख्यमंत्री बनेंगे, लेकिन उन्होंने कड़ी मेहनत की, जब वे मुझे राजनीति में लाए, तो उन्होंने एक ही बात कही, पंकजा, मैं तुम्हारी जगह लोगों को रख रहा हूं, उनका ख्याल रखना। जिस दिन आप मेरी फैक्ट्री के लिए पैसे इकट्ठा करेंगे, उस दिन मेरे बेटे ने मुझे फोन किया और कहा कि क्या आप इतने पैसे लेने जा रहे हैं? मैंने कहा कि मैं पैसे नहीं बल्कि लोगों का आशीर्वाद लूंगा|
भगवान बाबा की साक्षी आपको बताती है कि मेरे बेटे से पहले, मेरे परिवार से पहले यह जनता मेरी जिम्मेदारी है। पंकजा मुंडे ने यह भी कहा कि मैंने उस लड़के से कहा कि एक मां के तौर पर मेरा बेटा जितना मुझे प्यार करता है, उससे कहीं ज्यादा लोग मुझे प्यार करते हैं| छत्रपति शिवाजी के महाराष्ट्र में मेरा मराठा समुदाय, उस्ताद मजदूरों, किसानों ने स्वागत किया। मेरे लिए सभी का स्वागत महत्वपूर्ण है| पंकजा मुंडे ने अपने भाषण की शुरुआत में कहा कि मैं आप सभी को नमन करती हूं और धन्यवाद देती हूं|
मेरे पास न कोई पद है, न कोई कुर्सी.. फिर भी जब आप मेरे लिए आए हैं तो चुपचाप भाषण सुनिए। पंकजा मुंडे ने कहा कि घोषणा बंद करो| दशहरे के मौके पर पंकजा मुंडे ने भगवान गढ़ा में दशहरा सभा का आयोजन किया| उसमें वह बात कर रही थी,जब मैंने शिव शक्ति परिक्रमा की तो मैंने कभी नहीं सोचा था कि मेरा इतना स्वागत होगा। पंकजा मुंडे ने यह भी कहा है कि महाराष्ट्र ने भव्य स्वागत को दिव्यता की ओर ले जाने का काम किया|
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