चंडीगढ़। पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू नाराज होकर इस्तीफा दे दिए हैं। सिद्धू ने अपना रिजाइन पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेजी है। इस्तीफे के बाद सिद्धू ने कहा- पंजाब के भविष्य से समझौता नहीं कर सकता। उधर, सिद्धू के इस्तीफे के बाद पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने ट्वीट कर पार्टी हाईकमान के फैसले पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने ट्वीट किया कि मैनें पहले ही कहा था कि वह स्टेबल मैन नहीं हैं। पंजाब कांग्रेस के लिए वह कभी भी फिट नहीं है। सोनिया गांधी को भेजे अपने इस्तीफे में नवजोत सिद्धू ने लिखा है कि किसी के चरित्र के पतन की शुरुआत समझौते से होती है।
मैं पंजाब के भविष्य और पंजाब के कल्याण के एजेंडे पर कभी समझौता नहीं कर सकता। इसलिए मैं पंजाब कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देता हूं। कांग्रेस की सेवा करता रहूंगा। पंजाब कांग्रेस में बीते कुछ महीनों से अंदरूनी तकरार सड़क पर है। पंजाब के तत्कालीन मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू के बीच तकरार बढ़ने के बाद कई बार दिल्ली दरबार में पंचायत हुई। कैप्टन के न चाहते हुए भी कांग्रेस सुप्रीमो ने सिद्धू को पंजाब कांग्रेस का चीफ बना दिया। इसके बाद सिद्धू कैप्टन पर और अधिक हमलावर हो गए। पंजाब सरकार के किए गए वायदे को याद दिलाने लगे। दोनों के बीच टकराव बढ़ने के बाद पंजाब के विधायकों ने भी कैप्टन अमरिंदर के विरोध में मुखर विरोध शुरू कर दिया।
कांग्रेस के लिए है बड़ा झटका
कांग्रेस कैप्टन अमरिंदर सिंह को हटाने के बाद से ही डैमेज कंट्रोल में जुटी थी। दलित सीएम देने के बाद भी पार्टी संगठन को दो गुटों में होने से बचाने के लिए जुटी थी। उधर, कैप्टन पर बीजेपी के डोरे डालने की सूचनाओं ने कांग्रेस की दिक्कतें बढ़ाई हुई थी। इसी दौरान नवजोत सिंह सिद्धू के इस्तीफा से कांग्रेस की मुश्किलें बढ़नी तय है। माना जा रहा है कि चुनाव के ऐन पहले यह उठापठक पार्टी के लिए नुकसानदायक साबित हो रहा है।