बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज (रविवार, 28 जनवरी) इस्तीफा दे सकते हैं। यह लगभग साफ है कि वह तीन साल में दूसरी बार भाजपा के साथ जाएंगे| बिहार के पटना में शनिवार को पूरे दिन विधानसभा का दौर चलता रहा| दूसरी ओर, राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) भी इस बात को लेकर असमंजस में है कि अगर नीतीश कुमार की जनता दल (यूनाइटेड) एक बार फिर से राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के साथ गठबंधन करती है तो सत्ता में बने रहने के लिए क्या किया जाए।
पटना में दोनों पार्टियों की कई सत्र की बैठकें हुईं| नीतीश कुमार ने अपनी पार्टी के नेताओं से चर्चा की| भाजपा नेताओं के साथ भी बैठक हुई| सचिवालय में रविवार को भी कामकाज जारी रखने को कहा गया है, जिससे इस बात की प्रबल संभावना है कि नीतीश कुमार रविवार को इस्तीफा दे देंगे|
जनता दल (संयुक्त) के राजनीतिक सलाहकार और प्रवक्ता के.सी. त्यागी ने माना है कि बिहार में महागठबंधन टूटने की कगार पर है| त्यागी ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस के कुछ नेताओं ने लगातार नीतीश कुमार का अपमान किया है| साथ ही त्यागी ने दावा किया कि इंडिया अलायंस पार्टी पंजाब और पश्चिम बंगाल में भी टूटने की कगार पर है|
यह लगभग साफ हो गया है कि नीतीश कुमार एक बार फिर भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के साथ मिल जाएंगे| ऐसे में नीतीश कुमार का एक पुराना वीडियो वायरल होने लगा है| इस वीडियो में दिख रहा है कि नीतीश कुमार ने कहा था, मैं मर जाऊंगा, लेकिन मुझे एनडीए में हिस्सा लेना मंजूर नहीं है|
मीडिया प्रतिनिधियों ने नीतीश कुमार से एनडीए में शामिल होने की चर्चाओं पर सवाल किया| तब नीतीश कुमार ने कहा था, मैं मरने को तैयार हूं लेकिन मैं उनके (एनडीए) साथ जाने को तैयार नहीं हूं, यह सब जानते हैं| आप (मीडिया) सोचते हैं कि ये सब फर्जी बातें हैं| हम इस सब से क्यों गुज़रे? इतनी हिम्मत और मेहनत से हमने सरकार स्थापित की|लोगों ने हमें वोट देकर सत्ता में भेजा है| वे लोग (एनडीए) सत्ता में आने के लिए कुछ भी कर सकते हैं|” नीतीश कुमार के एनडीए में शामिल होने की खबर के बाद सोशल मीडिया पर नीतीश कुमार को ‘पलटू राम’ कहा जा रहा है|
नीतीश कुमार ने आठ बार शपथ ली!: नीतीश कुमार देश के उन चुनिंदा उदाहरणों में से एक हैं, जो अब तक आठ बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ले चुके हैं। हालांकि, इन आठ कार्यकालों के दौरान भाजपा, राजद जैसे विभिन्न सहयोगी उनके साथ सत्ता में थे। लगातार अलग-अलग पार्टियों से गठबंधन करने और गठबंधन के जरिए सत्ता में आने की नीतीश कुमार की नीति के कारण उनके विरोधी ‘पलटू कुमार’ और ‘पलटू राम’ कहकर उनकी आलोचना करते रहे हैं।साल 2000 में नीतीश कुमार ने पहली बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली| 2013 के बाद से पिछले 10 सालों में उन्होंने भाजपाऔर राष्ट्रीय जनता दल से अलग होकर दो-दो बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है|
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