प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यात्राओं के लिहाज से साल 2025 भक्ति, कूटनीति, विकास और गहरे मानवीय जुड़ाव का एक सशक्त प्रतीक बनकर उभरा। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ जैसे निर्णायक अभियानों की रणनीतिक बैठकों से लेकर आम नागरिकों, बच्चों और युवाओं के साथ भावनात्मक संवाद तक, इस वर्ष पीएम मोदी की यात्राओं ने नेतृत्व के मानवीय और सांस्कृतिक पक्ष को प्रमुखता से सामने रखा।
सभ्यतागत गौरव के प्रतीक रूप में अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के शिखर पर धर्म ध्वज फहराने का क्षण ऐतिहासिक रहा। वहीं प्रयागराज महाकुंभ में त्रिवेणी संगम की पवित्र डुबकी, गंगईकोंडा चोलपुरम मंदिर, श्रीशैलम, उडुपी कृष्ण मठ और गोवा के गोकर्ण पर्तगाली मठ जैसे धार्मिक स्थलों की यात्राओं ने आध्यात्मिक भारत की झलक दिखाई। दिल्ली में क्रिसमस प्रार्थना सभा में भाग लेकर पीएम मोदी ने सर्वधर्म समभाव का संदेश भी दिया।
मानवीय जुड़ाव की कई तस्वीरें चर्चा में रहीं अहमदाबाद रोड शो में भावुक महिला, रायपुर में छात्रों के साथ सेल्फी, बच्चों के साथ आत्मीय पल, रक्षा बंधन पर राखी बंधवाना और ‘परीक्षा पे चर्चा’ के दौरान छात्रों से संवाद। किसानों, लाभार्थियों, दिव्यांगजनों और आम नागरिकों से मुलाकातों ने सरकार की जन-केंद्रित सोच को रेखांकित किया।
विदेश नीति के मोर्चे पर भी 2025 अहम रहा। मॉरीशस, सऊदी अरब, अमेरिका, चीन (एससीओ), अफ्रीका, यूरोप और लैटिन अमेरिका की यात्राओं में वैश्विक नेताओं के साथ गर्मजोशी भरे संवाद देखने को मिले। इथियोपिया की संसद में स्टैंडिंग ओवेशन, ओमान का सर्वोच्च सम्मान, जी-7 और अन्य मंचों पर सक्रिय भूमिका ने भारत की वैश्विक छवि को मजबूत किया।
रक्षा और राष्ट्रभक्ति के क्षणों में चिनाब ब्रिज पर तिरंगा लहराना, ‘आईएनएस विक्रांत’ पर जवानों के साथ दिवाली और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद एयरफोर्स बेस का दौरा खास रहा। कुल मिलाकर, 2025 की पीएम मोदी की यात्राएं भारत की परंपरा, प्रगति और मानवीय संवेदनाओं की एक प्रेरक कहानी बनकर सामने आईं।
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