केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट पेश किया।आख़िर कैसा होगा टैक्स ढांचा? इस पर सभी का ध्यान गया| इससे आशा के अनुरूप राहत मिली है। नए टैक्स सिस्टम (इनकम टैक्स) में स्टैंडर्ड डिडक्शन 50 हजार से बढ़ाकर 75 हजार कर दिया गया है| साथ ही निर्मला सीतारमण ने एक अहम फैसला लिया है|
क्या बोलीं निर्मला सीतारमण?: बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा, ”हमारा लक्ष्य विकसित भारत के लिए रोडमैप बनाना है। कृषि क्षेत्र में उत्पादन बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है| हमारा जोर रोजगार और कौशल पर है| सुधारवादी नीतियों पर जोर दिया जा रहा है।
विकसित भारत हमारा लक्ष्य है: “विकसित भारत के लिए हमारी पहली प्राथमिकता कृषि में उत्पादकता है। दूसरी प्राथमिकता रोजगार और कौशल है। तीसरी प्राथमिकता समावेशी मानव संसाधन विकास और सामाजिक न्याय है, चौथी प्राथमिकता विनिर्माण और सेवाएँ है। पांचवीं प्राथमिकता शहरी विकास को बढ़ावा देना है. छठी प्राथमिकता ऊर्जा सुरक्षा है|
सातवीं प्राथमिकता बुनियादी ढांचा है, इसके बाद आठवीं प्राथमिकता नवाचार, अनुसंधान और विकास और नौवीं प्राथमिकता अगली पीढ़ी का नवाचार है। आगामी बजट इन्हीं प्राथमिकताओं के आधार पर तैयार किया गया है। सीतारमण ने ये भी बताया| फिर बजट के अंत में उन्होंने आयकर प्रणाली की घोषणा की, जिसके मुताबिक 3 लाख तक की आय पर कोई टैक्स नहीं लगेगा|
जब टूटी 92 साल की परंपरा: 2017 आते-आते आम बजट और रेलवे बजट अलग-अलग पेश किए जाने लगे। इसके बाद मोदी सरकार ने 92 साल की परंपरा को तोड़ते हुए आम बजट और रेल बजट एक साथ पेश करने का फैसला किया|
कैसा होगा नया टैक्स सिस्टम? (वार्षिक आय के अनुसार): 0-3 लाख – कोई टैक्स नहीं, 3-7 लाख – 5 प्रतिशत, 7-10 लाख- 10 प्रतिशत, 10-12 लाख- 15 प्रतिशत, 12-15 लाख- 20 प्रतिशत और 15 लाख से ऊपर- 30 प्रतिशत टैक्स|
निर्मला सीतारमण ने नए इनकम टैक्स स्लैब के बारे में ऐलान किया जो आम कर्मचारियों के लिहाज से अहम है| पुरानी व्यवस्था के तहत टैक्स देने वाले कर्मचारियों के लिए कोई बदलाव नहीं किया गया है| हालांकि, निर्मला सीतारमण ने नए टैक्स सिस्टम के मुताबिक टैक्स भरने वाले कर्मचारियों के लिए अहम घोषणा की| नई कर प्रणाली अपनाने वालों के रोजगार दर में 17500 रुपये की बचत होगी।
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