भारत-कनाडा के संबंध ट्रुडो के जाने तक आगे नहीं बढ़ेंगे!

ट्रुडो के आरोपों से व्यथित भारत ने छह कनाडाई राजनयिकों को निष्कासित करने का भी फैसला लिया है। भारत सरकार ने उन्हें 19 अक्टूबर की रात 12 बजे तक भारत छोड़ने के आदेश दिए है।

भारत-कनाडा के संबंध ट्रुडो के जाने तक आगे नहीं बढ़ेंगे!

India angry over the attack on Hindu temple, after Prime Minister Modi, Foreign Minister S Jaishankar's statement came!

कनाडाई पंतप्रधान जस्टिन ट्रुडो के लगातार भारत पर आरोप लगाने से दोनों देशों के बीच रिश्ते तनावपूर्ण हो गए हैं। इसी तरह भारत और कनाडा के बीच बढ़ते तनाव के बीच कनाडाई पत्रकार डेनियल बोर्डमैन ने कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो पर निशाना साधा है और उनकी विश्वसनीयता और नेतृत्व पर सवाल उठाए हैं। उच्चायुक्त और अन्य राजनयिकों को वापस बुलाने के भारत सरकार के फैसले को दोनों देशों के बीच मतभेदों का स्पष्ट संकेत देखा जा रहा है। दरम्यान डेनियल बोर्डमैन ने कहा, “खालिस्तानी तत्व इस स्थिति का पूरा फायदा उठा रहे हैं और इसे अपनी पूरी जीत मान रहे हैं और भारत पर हमला कर रहे हैं।”

भारत और कनाडा के बीच तनाव लगातार बढ़ने के बीच कनाडाई पत्रकार डेनियल बोर्डमैन ने प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो से सवाल उठाए हैं। उन्होंने कनाडाई लोगों के बीच सामान्य भावना पर भी टिप्पणी की, और इस बात पर जोर दिया कि ट्रूडो द्वारा स्थिति को संभालने के तरीके से अधिकांश कनाडाई ट्रुडो से निराश हो रहे हैं। कनाडा के अधिकांश लोग ट्रुडो सरकार से तंग आ चुके हैं। उन्हें संस्थानों पर भरोसा नहीं रहा है, उन्हें मीडिया पर भरोसा नहीं है, उन्हें जस्टिन ट्रूडो पर भरोसा नहीं है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार कनाडा में नेतृत्व परिवर्तन होने तक भारत-कनाडा संबंधों की स्थिति बरकरार रखेगी। यदि चुनाव होते हैं, तो बोर्डमैन का अनुमान है कि नई सरकार भारत के साथ संबंधों पर एक अलग दृष्टिकोण अपनाएगी।

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बता दें की, कनाडा के प्रधानमंत्री के भारत पर लगातार आरोपों के बाद भारत की केंद्र सरकार का ट्रुडो और उनकी सरकार से विश्वास पूरी तरह उठ चूका है। ट्रुडो के आरोपों से व्यथित भारत ने छह कनाडाई राजनयिकों को निष्कासित करने का भी फैसला लिया है। भारत सरकार ने उन्हें 19 अक्टूबर की रात 12 बजे तक भारत छोड़ने के आदेश दिए है। साथ ही भारत ने कनाडा से अपने उच्चायुक्त और अन्य राजनयिकों को वापस बुलाने का फैसला किया है। बता दें की राजनयिकों को अपने देश से निष्कासित करने को किसी देश की व्यवस्था से नाराजगी, और मनभेद दर्शाने के रूप में देखा जाता है। इसिलए भारत-कनाडा के संबंध ट्रुडो के जाने तक आगे नहीं बढ़ेंगे यह बात भी निश्चित है।

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