केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने सीएनबीसी को दिए विस्तृत साक्षात्कार में बताया कि भारत द्वारा रूस से रियायती दर पर कच्चे तेल की खरीद केवल देश के हित में नहीं, बल्कि पूरे विश्व की ऊर्जा कीमतों को स्थिर बनाए रखने में एक सकारात्मक योगदान रहा है। पुरी ने कहा कि यदि रूसी तेल अचानक बाजार से गायब हो जाता, तो वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला चरमरा जाती और कीमतें $120-130 प्रति बैरल से भी ऊपर चली जातीं।
अपने आधिकारिक एक्स अकाउंट पर इस बयान को साझा करते हुए प्रेट्रोलियम मंत्री ने कहा, “रूस दुनिया के सबसे बड़े कच्चे तेल उत्पादकों में से एक है, जो प्रतिदिन 90 लाख बैरल से अधिक उत्पादन करता है। कल्पना कीजिए, अगर यह तेल—जो वैश्विक आपूर्ति का लगभग 10% है—बाजार से हट जाता, तो क्या होता? इससे पूरी दुनिया को अपनी खपत में कटौती करनी पड़ती और घटती आपूर्ति के पीछे भागते उपभोक्ताओं की वजह से तेल की कीमतें $120-$130 प्रति बैरल तक पहुंच जातीं।”
पुरी ने यह भी स्पष्ट किया कि रूसी तेल पर कभी भी वैश्विक प्रतिबंध लागू नहीं हुए। उन्होंने कहा, “दुनिया भर के समझदार निर्णयकर्ता यह समझते हैं कि वैश्विक तेल आपूर्ति श्रृंखला की क्या वास्तविकता है और भारत द्वारा कहीं से भी सीमित मूल्य सीमा के तहत रियायती तेल खरीदना वैश्विक बाजारों के लिए सहायक रहा है।”
पुरी ने उन आलोचकों को भी आड़े हाथों लिया जो भारत की ऊर्जा रणनीति पर सवाल उठाते हैं। उन्होंने कहा, “कुछ टिप्पणीकार जिन्हें ऊर्जा बाजारों की जटिलता की समझ नहीं है, वे हमारी नीतियों पर अनावश्यक और अज्ञानतापूर्ण निर्णय सुनाते हैं।” उन्होंने यह दोहराया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने ऊर्जा की उपलब्धता, वहनीयता और टिकाऊपन (availability, affordability, sustainability) जैसी चुनौतियों का सफलतापूर्वक सामना किया है और वैश्विक ऊर्जा मूल्य स्थिरता में एक ‘नेट पॉजिटिव कंट्री’ की भूमिका निभाई है।
Russia is one of the largest crude producers with over 9 million barrels/day. Imagine the chaos if this oil, amounting to about 10% of the global oil supply of around 97 million, vanished from the market. It would have forced the world to reduce its consumption, and since the… pic.twitter.com/yCxrTs4OuV
— Hardeep Singh Puri (@HardeepSPuri) July 10, 2025
केंद्रीय मंत्री ने यह भी बताया कि भारत आज भी दुनिया में सबसे सस्ती दरों पर क्लीन कुकिंग गैस प्रदान कर रहा है। उन्होंने लिखा, “हम 33 करोड़ घरों को सबसे कम दरों पर स्वच्छ रसोई गैस मुहैया करा रहे हैं। प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के अंतर्गत 10.3 करोड़ लाभार्थी परिवारों को मात्र 0.4 डॉलर प्रति किलोग्राम या केवल 7-8 सेंट प्रति दिन की दर से यूनिवर्सल स्वच्छ गैस उपलब्ध कराई जा रही है।”
पुरी ने अपने बयान में यह भी उल्लेख किया कि भारत सरकार तेल और गैस के क्षेत्र में खोज और निवेश के लिए सक्रिय रूप से कार्य कर रही है। ओपन एकरेज लाइसेंसिंग पॉलिसी (OALP) के 10वें चरण में भारत 2.5 लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में खोज और उत्खनन की योजना पर कार्य कर रहा है। उनका लक्ष्य है कि 2025 तक 5 लाख वर्ग किलोमीटर और 2030 तक 10 लाख वर्ग किलोमीटर तक अन्वेषण क्षेत्र को विस्तारित किया जाए।
हरदीप पुरी का बयान केवल भारत की ऊर्जा रणनीति की मजबूती को रेखांकित नहीं करता, बल्कि यह भी स्पष्ट करता है कि भारत जैसे उभरते देश विश्व अर्थव्यवस्था और ऊर्जा आपूर्ति श्रृंखला में स्थिरता लाने में कितना गंभीर और उत्तरदायी योगदान दे रहे हैं। आलोचकों को करारा जवाब देते हुए पुरी ने भारत की स्थिति को वैश्विक ऊर्जा राजनीति के परिप्रेक्ष्य में परिपक्व और दूरदर्शी बताया।
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