‘वोट जेहाद’ की जांच करें और दुनिया को बताएं कि बीजेपी की हार के लिए मस्जिद से क्या फतवा जारी हुआ था!

कई महायुति नेताओं ने इस पर आपत्ति जताई और विपक्ष की आलोचना की और आरोप लगाया कि इससे इंडी अलायंस को फायदा हुआ है।

‘वोट जेहाद’ की जांच करें और दुनिया को बताएं कि बीजेपी की हार के लिए मस्जिद से क्या फतवा जारी हुआ था!

Investigate 'Vote Jihadi' and tell the world what fatwa was issued from the mosque for the defeat of BJP!

लोकसभा चुनाव के बाद अब प्रदेश में विधानसभा चुनाव की तैयारियां शुरू हो गई है। 20 नवंबर को चुनाव होने है और 23 नवंबर को नतीजे घोषित किए जाएंगे। इस बीच, ‘वोट जिहाद’ की चर्चा फिर से शुरू हो गई है। दरसल लोकसभा चुनाव के बाद वोट जिहाद की अवधारणा सामने आई। इस ‘वोट जिहाद’ से लोकसभा में माविआ और इंडी अघाड़ी को फायदा हुआ है।

वोट जिहाद के अनुसार मुस्लिम मतदाताओं का समूह एक पार्टी को हिंदूहित के विरोध में वोट देता है, उसे ही चुनाव में सभी मुस्लिम वोट दिए जाते है जो मुस्लिम हितों को आगे लाएगा। भाजपा जैसी हिंदुत्व मत की पार्टियों को हराना इस ‘वोट जिहाद’ एकमात्र उद्देश्य है। कई महायुति नेताओं ने इस पर आपत्ति जताई और विपक्ष की आलोचना की और आरोप लगाया कि इससे इंडी अलायंस को फायदा हुआ है। भाजपा नेता किरीट सोमैया ने इस बारे में ट्वीट किया और कई निर्वाचन क्षेत्रों के आंकड़ों की एक सूची भी पोस्ट की। कहा गया है कि चुनाव आयोग इसकी जांच करेगा और इस पर फैसला लेगा। चुनाव आयोग के फैसले पर बीजेपी नेता विधायक अतुल भातखलकर ने ट्वीट कर चुनाव आयोग से जांच कर सच्चाई दुनिया के सामने लाने की मांग की है।

महाराष्ट्र राज्य चुनाव आयोग के अधिकारियों ने बुधवार (16 अक्टूबर) को प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान पत्रकारों ने कहा कि भाषण में ‘वोट जिहाद’ शब्द का इस्तेमाल किया जा रहा है। इस पर आयोग के अधिकारी ने कहा, हमारे देश में अभिव्यक्ति और भाषण की आजादी है। हमारा कानून निजी या सार्वजनिक रूप से किसी की राय व्यक्त करने के बारे में कुछ कहता है। अगर कोई गैर कानूनी बयानबाजी कर रहा है तो कारवाई की जाएगी।

आप जो सवाल पूछ रहे हैं वह यह है कि क्या यह बयान (वोट जिहाद) गैरकानूनी होगा या नहीं। उत्तर इस बात पर निर्भर करता है कि वास्तव में क्या हुआ?, सबूत क्या है? और इसे कानून के दायरे में साबित करना होगा। अधिकारी ने कहा कि वोट जिहाद को लेकर जो सुझाव दिया गया है, उसकी जांच के बाद फैसला लिया जाएगा। इसी के चलते बीजेपी विधायक अतुल भातखलकर ने ट्विटर पर ‘वोट जिहाद’ की जांच कर सच्चाई दुनिया के सामने लाने की मांग की है।

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अतुल भातखलकर ने ट्वीट किया कि चुनाव आयोग को वोट जिहाद की जांच करनी चाहिए और सच्चाई सामने लानी चाहिए कि, ‘2024 के लोकसभा चुनाव के दौरान बीजेपी को हराने के लिए मस्जिदों से फतवे जारी किए गए थे। क्या धार्मिक स्थलों का इस्तेमाल राजनीतिक उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है? इस जांच से हिंदू समुदाय को यह स्पष्ट हो जाएगा।’ अतुल भातखलकर ने कहा, हम आपको याद दिलाना चाहेंगे कि ‘लव जिहाद’ शब्द का इस्तेमाल सबसे पहले केरल हाई कोर्ट ने किया था।

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