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स्पेशियलिटी स्टील उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए 17,000 करोड़ रुपये का निवेश

"हमारे देश के इस्पात उत्पादकों को अब अपनी क्षमताओं को और बढ़ाने की जरूरत है। मैं निजी इस्पात कंपनियों से अपील करता हूं कि वे स्पेशियलिटी स्टील उत्पादन में निवेश करें। इससे न केवल घरेलू उत्पादन बढ़ेगा, बल्कि देश वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी भी बनेगा।"

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केंद्र सरकार की उत्पादन-लिंक्ड प्रोत्साहन (PLI) योजना के तहत स्पेशियलिटी स्टील के उत्पादन को बढ़ाने के लिए 17,000 करोड़ रुपये के निवेश का समझौता हुआ है। सरकार का मानना है कि इस पहल से भारत में उच्च गुणवत्ता वाले स्टील का उत्पादन बढ़ेगा और देश को आत्मनिर्भर बनाने में मदद मिलेगी।

केंद्रीय मंत्री एचडी कुमारस्वामी ने कहा, “पीएलआई योजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान को आगे बढ़ाने में मदद करेगी। भारत स्टील का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक और उपभोक्ता है, लेकिन अब भी हमें कुछ विशेष श्रेणी के स्टील के लिए आयात पर निर्भर रहना पड़ता है। इस योजना के तहत हम इस कमी को दूर करेंगे और घरेलू उत्पादन को मजबूत बनाएंगे।”

मंत्रालय के अनुसार, पीएलआई योजना के पहले चरण में 23 कंपनियों ने आवेदन किया था, जबकि दूसरे दौर में यह संख्या बढ़कर 25 हो गई है। इस बार 42 आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिसमें 17,000 करोड़ रुपये के निवेश की प्रतिबद्धता जताई गई है।

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सरकार का उद्देश्य है कि इस योजना के तहत केवल उन्हीं कंपनियों को प्रोत्साहन मिले जो भारत में रजिस्टर्ड हैं और जिनका पूरा उत्पादन भारत में होता है। इस योजना में निवेश करने वाली कंपनियों को सरकार 3 से 4 प्रतिशत तक का प्रोत्साहन दे रही है ताकि वे उत्पादन में तेजी ला सकें।

मंत्री ने कहा, “हमारे देश के इस्पात उत्पादकों को अब अपनी क्षमताओं को और बढ़ाने की जरूरत है। मैं निजी इस्पात कंपनियों से अपील करता हूं कि वे स्पेशियलिटी स्टील उत्पादन में निवेश करें। इससे न केवल घरेलू उत्पादन बढ़ेगा, बल्कि देश वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी भी बनेगा।”

सरकार का मानना है कि यह योजना भारतीय स्टील उद्योग के लिए एक मील का पत्थर साबित होगी और इससे भारत में उच्च गुणवत्ता वाले इस्पात निर्माण को बढ़ावा मिलेगा।

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