राष्ट्रवादी कांग्रेस के अध्यक्ष शरद पवार की इज़राइल-हमास संघर्ष की आलोचना दुर्भाग्यपूर्ण है। आतंकवाद किसी व्यक्ति या देश के ख़िलाफ़ नहीं है| यह मानवता के खिलाफ है|देश की इस भूमिका को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी20 और संयुक्त राष्ट्र के मंच पर प्रस्तुत कर चुके हैं|
केंद्रीय मंत्री नारायण राणे ने कहा, उन्होंने फिलिस्तीन के खिलाफ नहीं, बल्कि आतंकवाद के खिलाफ रुख अपनाया। उन्होंने शरद पवार की आलोचना की| क्या शरद पवार यह कहना चाहते हैं कि आतंकवाद के खिलाफ स्टैंड लेना गलत है? क्या पवार यह कहना चाहते हैं कि एक फ़िलिस्तीनी और एक आतंकवादी एक समान हैं?” ऐसा सवाल राणे ने पूछा है| शरद पवार अब तक देश और प्रदेश में कई मंत्री पदों पर रह चुके हैं| वे रक्षा मंत्री, कृषि मंत्री रहे। वह चार बार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद पर रहे। 12 मार्च 1993 को मुंबई में 12 सिलसिलेवार बम धमाके हुए थे| 257 लोगों की मौत हो गई|
जब शरद पवार मुख्यमंत्री थे तब 1400 लोग घायल हुए थे| क्या उन्होंने 13वां बम विस्फोट एक मस्जिद में होने की झूठी सूचना देकर आतंकवादियों का समर्थन करने की कोशिश नहीं की थी? तुष्टिकरण की नीति के कारण देश में कई समस्याएं आई हैं, अब क्या पवार तुष्टीकरण छोड़कर देश को पहले स्थान पर लेंगे?” ये सवाल पूछा नारायण राणे ने|
“क्या यह एक निश्चित धर्म के लोगों को बचाने के लिए किया गया था?”: शरद पवार ने यह कहकर जनता को गुमराह क्यों किया कि 13वां बम विस्फोट एक मस्जिद में हुआ था, जब वह मुख्यमंत्री थे? कुछ धर्म विशेष के लोगों को बचाने के लिए गुमराह किया गया? जो मस्जिद में नहीं हुआ उसका ज़िक्र क्यों? क्रॉफर्ड मार्केट के पास मौलान जियाउद्दीन बुखारी की हत्या क्यों की गई? वह कौन था? ऐसे सवाल नारायण राणे ने पूछे हैं|
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