अनेकों को सैन्य सम्मान: एलीआजर चुंगथांग मेनाशे और उनके साथियों ने पिछले युद्ध में हमास को अच्छा सबक सिखाया था| उन्होंने अतुल्य एवं अद्भुत वीरता का परिचय दिया। इसीलिए इजराइल की सेना ने उन्हें बड़ा सम्मान दिया है| उनमें से कुछ ने हमास की गतिविधियों को रोकने के लिए अपने जीवन का बलिदान भी दिया है। इज़राइल में भारतीय मूल के लगभग 85,000 यहूदी हैं|
भारत के साथ पुराने संबंध: बेने इज़राइल ने 2,400 साल पहले अलीबाग में भारत में प्रवेश किया था। भारत में इनकी संख्या लगभग 75 हजार थी। 4,000 बेने इजरायली भारत छोड़ चुके हैं। वे इजराइल में बस गये हैं, लेकिन उनके कई रिश्तेदार और रिश्तेदार अब भी भारत में हैं| तो बेने मेनाशे के दावे के अनुसार, वे कई सदियों पहले इज़राइल छोड़कर चीन चले गए थे। लेकिन रास्ते में वे भारत और म्यांमार के सीमावर्ती इलाकों में बस गये। अब यह क्षेत्र मिजोरम और मणिपुर राज्य में आता है। इज़राइल की 10 जनजातियाँ जो विलुप्त हो गईं। उनका दावा है कि बेने मेनाशे उन जनजातियों में से एक है।
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