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Tuesday, March 4, 2025
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झारखंड सरकार का बजट दिशाहीन, रंगहीन, गंधहीन : रघुवर दास

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झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने हेमंत सोरेन सरकार के बजट को “बिना रंग, गंध और दिशा” वाला करार किया।  उन्होंने कहा कि बजट सिर्फ आंकड़ों का हिसाब नहीं होता, बल्कि यह राज्य की अर्थव्यवस्था को गति देने का एक महत्वपूर्ण साधन होता है। दास ने आरोप लगाया कि सरकार अब केवल सपने दिखा रही है और “अबुआ बजट” में आम जनता को ही नजरअंदाज कर दिया गया है।

दास ने कहा कि सरकार ने 2030 तक राज्य की अर्थव्यवस्था को 10 ट्रिलियन (10 लाख करोड़) रुपये तक ले जाने का दावा किया है, लेकिन इसे हासिल करने की कोई ठोस योजना पेश नहीं की गई। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या सरकार 15% की विकास दर हासिल करने का दावा कर रही है? इस बजट से सबसे अधिक निराश किसान और ग्रामीण समुदाय हुए हैं, क्योंकि ऋण माफी पर कोई स्पष्ट नीति नहीं दी गई और ग्रामीण विकास बजट को भी कम कर दिया गया है।

रघुवर दास ने यह भी कहा कि पिछले वित्तीय वर्ष में 1.28 लाख करोड़ रुपये के बजट में से अब तक केवल 61% राशि खर्च की गई है, जबकि सरकार इस पर कोई जवाब नहीं दे रही। उन्होंने महिलाओं को 450 रुपये में गैस सिलेंडर देने के वादे और वृद्धावस्था व विधवा पेंशन की स्थिति पर भी सवाल उठाए।

भाजपा प्रवक्ता और पूर्व विधायक अमित मंडल ने भी राज्य सरकार के बजट पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार अपनी असफलताओं को छिपाने के लिए केंद्र पर 1.36 लाख करोड़ रुपये के बकाए का आरोप लगा रही है, जबकि झारखंड कोयला उत्पादन में तीसरे स्थान पर है और केंद्र से सबसे अधिक 22% राजस्व प्राप्त करता है।

मंडल ने कहा कि झारखंड की जीडीपी में सबसे बड़ा योगदान सेकेंडरी सेक्टर का है, जिसका आधार केंद्र सरकार की योजनाएं हैं। एयरपोर्ट, रेलवे, हाईवे और स्पेशल इकोनॉमिक जोन (SEZ) जैसे बुनियादी ढांचे के विकास से राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिल रही है।

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भाजपा प्रवक्ता ने यह भी आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ गठबंधन चुनाव के दौरान जनता से किए गए सात गारंटी वादों को पूरा करने में विफल रहा है। उन्होंने कहा कि न तो किसानों को धान की खरीद पर 3,200 रुपये प्रति क्विंटल एमएसपी मिला और न ही गैस सिलेंडर 450 रुपये में उपलब्ध कराया गया।

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