भाजपा में आते ही जितिन का कांग्रेस पर वार,जानें सोनिया के खिलाफ प्रसाद के पिता ने कब लड़ा था चुनाव?

भाजपा में आते ही जितिन का कांग्रेस पर वार,जानें सोनिया के खिलाफ प्रसाद के पिता ने कब लड़ा था चुनाव?

file photo

लखनऊ। कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल हुए जितिन प्रसाद ने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि बीजेपी के अलावा अन्य सभी दल अब व्यक्ति या क्षेत्र विशेष के ही होकर रह गए हैं। उन्होंने कहा कि देशहित में यदि कोई पार्टी और नेता काम कर रहे हैं तो वे बीजेपी और पीएम नरेंद्र मोदी हैं। जितिन प्रसाद ने कहा कि मेरा कांग्रेस पार्टी से तीन पीढ़ियों का साथ रहा है और लंबे मंथन के बाद मैं बीजेपी में आया हूं। सवाल यह नहीं है कि मैं किस दल को छोड़कर आ रहा हूं। सवाल यह है कि मैं किस दल में और क्यों जा रहा हूं। जितिन प्रसाद ने कहा कि मैंने देश भर में लोगों की राय को समझते हुए यह जाना है कि बीजेपी ही सही मायनों में संस्थागत दल है।

जितिन प्रसाद ने कहा, ‘मैंने बीते 8 से 10 सालों में देश भर में घूमकर लोगों की राय लेकर यह जाना है कि यदि सही मायनों में कोई दल है तो वह भाजपा है। आज अन्य सभी दल व्यक्ति या फिर क्षेत्र विशेष के हो गए हैं। आज सीमाओं पर देश जिस तरह की चुनौती का सामना कर रहा है, उसमें बीजेपी और पीएम नरेंद्र मोदी मजबूती के साथ खड़े हैं। उन्होंने कहा कि देशहित में यदि कोई नेता काम कर रहा है तो वह पीएम नरेंद्र मोदी हैं। वह नए भारत का जो निर्माण कर रहे हैं, उसमें मुझे भी शामिल होने का मौका मिल रहा है, वह मेरे लिए सौभाग्य की बात है।’ भाजपा में शामिल होने के बाद जितिन प्रसाद ने कहा, ‘ मेरा कांग्रेस पार्टी से 3 पीढ़ियों का साथ रहा है। मैंने ये महत्वपूर्ण निर्णय बहुत सोच, विचार और मंथन के बाद लिया है।

कभी जितिन प्रसाद के पिता ने सोनिया के खिलाफ लड़ा था चुनाव
कभी जितिन के पिता जितेंद्र प्रसाद भी साल 2000 में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए चुनाव में सोनिया गांधी के खिलाफ लड़े थे। वह हारे और कुछ ही समय बाद उनका निधन भी हो गया था। जितेंद्र प्रसाद ने सांसद रहते हुए सोनिया गांधी के लगातार पार्टी अध्यक्ष बनने का विरोध किया। क्योंकि जितेंद्र प्रसाद बतौर कार्यकर्ता पार्टी में सोनिया गांधी से बहुत वरिष्ठ थे। साल 2000 में जब पार्टी अध्यक्ष पद के लिए वह सोनिया गांधी के खिलाफ खड़े हुए तो उन्हें इसमें हार मिली। 2004 में जितिन प्रसाद पहली बार अपने गृहक्षेत्र शाहजहांपुर से लोकसभा सांसद बने थे। इतना ही नहीं साल 2008 में वह पीएम मनमोहन सिंह की कैबिनेट में मंत्री बने। उस समय वह सबसे कम उम्र के मंत्री बने थे। राहुल गांधी के करीबी माने जाने वाले जितिन प्रसाद कांग्रेस से 2 बार सांसद रहे हैं।

बताया जा रहा है कि कांग्रेस कार्यसमिति का सदस्य होने के बाद भी जितिन पार्टी नेतृत्व से खुश नहीं है। जितिन के पिता जितेंद्र प्रसाद तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी और नरसिम्हा राव के सलाहकार भी रह चुके हैं। जितिन प्रसाद को सचिन पायलट, ज्योतिरादित्य सिंधिया की तरह कांग्रेस से जुड़े परिवारों की विरासत संभालने वाले युवा नेताओं में माना जाता रहा है। ज्योतिरादित्य सिंधिया की तरह ही जितिन का बीजेपी में जाना कांग्रेस के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। हालांकि उत्तर प्रदेश कांग्रेस में जितिन के खिलाफ आवाजें भी उठीं। कांग्रेस के कुछ वरिष्ठ नेताओं ने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखकर बड़े बदलावों की मांग की थी। इन नेताओं के समूह को जी-23 के नाम से जाना जाता है। चिट्ठी लिखने वालों में से एक प्रमुख नाम जितिन प्रसाद का भी था। इस चिट्ठी के सार्वजनिक होने के बाद उत्तर प्रदेश कांग्रेस में जितिन के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग भी उठाई गई थी।

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