केंद्र की मोदी सरकार ने देश के 13 प्रदेशों और केंद्रशासित प्रदेशों के राज्यपालों एवं उपराज्यपालों को बदल दिया है। यह फेरबदल लद्दाख, महाराष्ट्र, सिक्किम, झारखंड, हिमाचल प्रदेश, असम, आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, मणिपुर, नागालैंड, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय और बिहार में की गई है। वहीं राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी और लद्दाख के उप-राज्यपाल कृष्ण माथुर ने इस्तीफा दे दिया है।
सुप्रीम कोर्ट से रिटायर होने के एक महीने बाद जस्टिस अब्दुल नजीर को आंध्र प्रदेश का राज्यपाल नियुक्त किया गया है। अयोध्या मामले में फैसला सुनाने और राम मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त करने वाली पीठ में वे अकेले अल्पसंख्यक न्यायाधीश थे। बता दें कि राम जन्मभूमि मंदिर को लेकर दो समुदायों के बीच लंबे समय से चला आ रहा विवाद था, जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने आखिरकार 9 नवंबर, 2019 को फैसला सुनाया था।
5 जनवरी, 1958 को कर्नाटक दक्षिण कन्नड़ जिले के बेलुवई में जन्मे जस्टिस नजीर 18 फरवरी, 1983 को एक वकील के रूप में दाखिला लिया था। उन्होंने कर्नाटक उच्च न्यायालय के समक्ष अभ्यास किया और 12 मई, 2003 को इसके अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में नियुक्त हुए। वह 24 सितंबर, 2004 को स्थायी न्यायाधीश बने और 17 फरवरी, 2017 को सर्वोच्च न्यायालय में पदोन्नत हुए। जस्टिस नजीर कई ऐतिहासिक संविधान पीठ के फैसलों का हिस्सा थे, जिसमें ट्रिपल तलाक, निजता का अधिकार, अयोध्या मामला और हाल ही में नोटबंदी पर केंद्र के 2016 के फैसले और सांसदों की अभिव्यक्ति की आजादी शामिल है।
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