तमिलनाडु के युवा कल्याण मंत्री उदयनिधि अपने एक बयान को लेकर सुर्खियों में हैं। वह 2 सितंबर को चेन्नई में प्रोग्रेसिव राइटर्स एंड आर्टिस्ट एसोसिएशन द्वारा आयोजित एक बैठक को संबोधित कर रहे थे। उस समय बोलते हुए उन्होंने समाज में असमानता और सनातन धर्म पर टिप्पणी की थ| इस भाषण के दौरान उन्होंने सनातन धर्म की तुलना मलेरिया, डेंगू और कोरोना वायरस से कर दी| उन्होंने सनातन धर्म को ख़त्म करने की भी वकालत की| उनके इस बयान के बाद बड़ा विवाद खड़ा हो गया था| अब उनके उसी बयान पर कमल हासन ने प्रतिक्रिया दी है|
ब्रिकिंग कमल हासन ने कहा, ”नागरिकों की किसी बात से असहमत होने और उस पर चर्चा जारी रखने की क्षमता ही सच्चे लोकतंत्र की पहचान है। इतिहास ने हमें बार-बार सिखाया है कि सही प्रश्न पूछने से कई महत्वपूर्ण उत्तर मिलते हैं और इसने एक बेहतर समाज के रूप में हमारे विकास में योगदान दिया है।”
उन्होंने आगे कहा, ”उदयनिधि स्टालिन को सनातन धर्म पर अपने विचार व्यक्त करने का अधिकार है| यदि आप उनके दृष्टिकोण से असहमत हैं, तो उन्हें धमकाने या कानूनी मामलों में फंसाने की कोशिश करने और संकीर्ण राजनीतिक लाभ के लिए लोगों को भावुक करने के लिए उनके शब्दों को तोड़-मरोड़कर पेश करने के बजाय सनातन-आधारित चर्चा में शामिल होना महत्वपूर्ण है।
The hallmark of a true democracy is the ability of its citizens to disagree and engage in continued discussion. History has repeatedly taught us that asking the right questions has led to important answers and contributed to our development as a better society.@Udhaystalin is…
— Kamal Haasan (@ikamalhaasan) September 7, 2023
कमल हासन ने आगे कहा, ”तमिलनाडु हमेशा खुले वातावरण में चर्चा के लिए एक सुरक्षित स्थान रहा है और रहेगा। समावेशिता, समानता और प्रगति के माध्यम से अपनी परंपराओं को महत्व देना महत्वपूर्ण है। आइए एक सामंजस्यपूर्ण और समावेशी समाज को बढ़ावा देने के लिए सही चर्चा करें।”
उदयनिधि स्टालिन ने क्या कहा?: “सनातन धर्म समानता और सामाजिक न्याय के खिलाफ है। इसलिए ऐसी चीजों का विरोध करने के बजाय उन्हें खत्म करना चाहिए| मच्छर, डेंगू, मलेरिया और कोरोना जैसी बीमारियों से बचा नहीं जा सकता| उन्हें ख़त्म किया जाना चाहिए| इसी तरह, सनातन धर्म को भी समाप्त कर दिया जाना चाहिए।
यह भी पढ़ें-