Karnataka: ​कथित​ भूमि घोटाले में घिरे सीएम सिद्धारमैया, ​भाजपा​ ने खोला मोर्चा!

कथित भूमि घोटाले को लेकर टीजे अब्राहम समेत कई अन्य शिकायतकर्ताओं का आरोप है कि मुडा घोटाले में अवैध आवंटन से राज्य के ​खजाने​ को 45 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।

Karnataka: ​कथित​ भूमि घोटाले में घिरे सीएम सिद्धारमैया, ​भाजपा​ ने खोला मोर्चा!

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कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया​ पर कथित भूमि घोटाले को लेकर गंभीर आरोप के कारण भाजपा ने उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है|और अब राज्यपाल ने भी सीएम के खिलाफ मुडा मामले में मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी है। ​बीते दिनों ​मुडा​ (मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण) के कथित भूमि घोटाले में मुख्यमंत्री के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए कैबिनेट की राय मांगी थी। ​इसके​ बाद सीएमकी मंत्रिपरिषद ​के​ साथ बैठक हुई, जिसमें ​राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने ​सीएम​ को कारण बताओ नोटिस वापस लेने की सलाह दी गई।​

​बता दें कि मुडा मामले में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 17 और 19 और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 की धारा 218 के तहत मुख्यमंत्री के खिलाफ मुकदमा चलाने की ​शिकायतकर्ता ने मंजूरी मांगी थी। ​कथित भूमि घोटाले को लेकर टीजे अब्राहम समेत कई अन्य शिकायतकर्ताओं का आरोप है कि मुडा घोटाले में अवैध आवंटन से राज्य के ​खजाने​ को 45 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। शिकायत में सीएम सिद्धारमैया, उनकी पत्नी, बेटे और मुडा के आयुक्त के खिलाफ मुकदमा चलाने की मांग की गई थी।

​गौरतलब है की ​ 50:50 नाम की इस योजना में जमीन खोने वाले लोग विकसित भूमि के 50​ प्रतिशत के हकदार होते थे। यह योजना 2009 में पहली बार लागू की गई थी। जिसे ​वर्ष 2020 में तत्कालीन भाजपा सरकार में बंद कर दिया गया।​ मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण या मुडा, कर्नाटक की राज्य स्तरीय विकास एजेंसी है। इस एजेंसी का काम शहरी विकास को बढ़ावा देना और गुणवत्तापूर्ण बुनियादी ढांचे का विकास करना है। साथ ही लोगों को किफायती कीमत पर आवास उपलब्ध कराना है।

आरोप है कि योजना के बंद होने के बाद भी मुडा ने 50:50 योजना के तहत जमीनों का अधिग्रहण और आवंटन जारी रखा।​ आरोप है कि ​सीएम​ सिद्धारमैया की पत्नी पार्वती को इसी के तहत लाभ पहुंचाया गया। आरोप है कि ​सीएम​ की पत्नी की 3 एकड़ और 16 गुंटा भूमि​ ​ मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण द्वारा अधिग्रहित की गई। इसके बदले में ​उक्त एजेंसी को एक महंगे इलाके में 14 साइटें आवंटित की गईं।आरोप है कि मुडा ने इस जमीन का अधिग्रहण किए बिना ही देवनूर तृतीय चरण की योजना विकसित कर दी।

​दूसरी ओर जिन 14 साइटों का आवंटन ​सीएम​ की पत्नी के नाम पर हुआ उसी में घोटाले के आरोप लग रहे हैं। विपक्ष का कहना है कि पार्वती को मुडा द्वारा इन साइटों के आवंटन में अनियमितता बरती गई है। मुआवजे के लिए ​सीएम​ की पार्वती ने आवेदन किया जिसके आधार पर, मुडा ने 14 साइटें आवंटित कीं। यह आवंटन राज्य सरकार की 50:50 अनुपात योजना के तहत कुल 38,284 वर्ग फीट का था। ​

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