31 C
Mumbai
Saturday, December 6, 2025
होमन्यूज़ अपडेटकर्नाटक: HC की फटकार के बाद परिवहन कर्मचारियों की हड़ताल 7 अगस्त...

कर्नाटक: HC की फटकार के बाद परिवहन कर्मचारियों की हड़ताल 7 अगस्त तक स्थगित!

अवमानना की चेतावनी

Google News Follow

Related

कर्नाटक हाईकोर्ट ने मंगलवार (5 अगस्त) को राज्यभर में सार्वजनिक परिवहन सेवाओं को बाधित करने वाली हड़ताल पर कड़ी प्रतिक्रिया दी और आवश्यक सेवाएं अनुरक्षण अधिनियम (ESMA) के लागू होने के बावजूद कर्मचारियों के आंदोलन को गैरकानूनी और जनविरोधी करार दिया है। न्यायालय की सख्त टिप्पणियों के बाद KSRTC स्टाफ एंड वर्कर्स फेडरेशन ने हड़ताल 7 अगस्त तक स्थगित कर दी है।

मुख्य न्यायाधीश विभु बखरू और न्यायमूर्ति सीएम जोशी की खंडपीठ ने एक जनहित याचिका (PIL) पर सुनवाई करते हुए आंदोलनरत यूनियनों को फटकार लगाई। यह याचिका सुनील जे व अन्य चार लोगों द्वारा दायर की गई थी और अधिवक्ता दीक्षा एन. अमृतेश ने अदालत में पक्ष रखा। पीठ ने स्पष्ट कहा, “अगर आपको कोई समस्या है तो सरकार से वार्ता करें। ESMA लागू होने के बाद भी हड़ताल करना अवैध है। आप जनता को तकलीफ नहीं दे सकते। अदालत ऐसे व्यवधान को बर्दाश्त नहीं करेगी।”

कोर्ट ने मौखिक रूप से यह भी स्पष्ट किया कि यदि हड़ताल दोबारा शुरू होती है तो संयुक्त संघर्ष समिति (JAC) के नेताओं को ESMA के तहत गिरफ्तार किया जा सकता है। न्यायालय ने यूनियनों को नोटिस जारी कर पूछा कि क्यों न उनके खिलाफ अवमानना की कार्रवाई की जाए।

यह हड़ताल राज्य की चारों परिवहन कंपनियां,,KSRTC, BMTC, NWKRTC और KKRTC के कर्मचारियों द्वारा 25% वेतन वृद्धि और 38 महीनों के एरियर (लगभग ₹1,800 करोड़) की मांग को लेकर की गई थी। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने 14 महीनों के एरियर जारी करने की पेशकश की थी, जिसे यूनियनों ने यह कहते हुए खारिज कर दिया कि उन्हें पूरे 38 महीनों का भुगतान चाहिए।

हाईकोर्ट की फटकार के बाद, KSRTC स्टाफ एंड वर्कर्स फेडरेशन के अध्यक्ष एचवी अनंत सुब्बाराव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा, “माननीय न्यायालय के स्पष्ट निर्देशों के बाद हमने हड़ताल वापस ले ली है और सभी कर्मचारियों से ड्यूटी पर लौटने की अपील की है।” उन्होंने साथ ही आग्रह किया कि “जो कर्मचारी इस आंदोलन में शामिल हुए, उनके खिलाफ प्रबंधन कोई दंडात्मक कार्रवाई न करे।”

हालांकि हड़ताल मंगलवार को भी जारी रही, जिससे आम नागरिकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। बेंगलुरु में BMTC सेवा सीमित रूप से चालू रही, लेकिन शिवाजी नगर बस डिपो और अन्य स्टेशनों पर बसें बेहद कम दिखीं। नम्मा मेट्रो पर भारी भीड़ उमड़ी, और कई यात्रियों को मेट्रो पर निर्भर रहना पड़ा। कल्याण कर्नाटक और उत्तर-पश्चिमी कर्नाटक क्षेत्र में हड़ताल का प्रभाव सबसे ज्यादा महसूस किया गया।

कोर्ट ने यूनियनों से हड़ताल स्थगन का शपथपत्र मांगा है और मामले की अगली सुनवाई 8 अगस्त को निर्धारित की है। तब तक सभी पक्षों को निर्देश दिया गया है कि वे वार्ता और समाधान की प्रक्रिया को प्राथमिकता दें।

ज्ञात हो की कर्नाटक की कांग्रेस सरकार शक्ति जैसी मुफ्त योजनाओं को शुरू करने के लिए आलोचना का सामना कर रही है, जिसने सभी सार्वजिनिक बसों में सभी महिलाओं को मुफ्त बस यात्रा की अनुमति दी, जबकि चार राज्य परिवहन निगमों को गंभीर वित्तीय संकट का सामना करना पड़ रहा है । कर्नाटक राज्य सड़क परिवहन निगम (KSRCTC), बेंगलुरु मेट्रोपॉलिटन ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन (BMTC), उत्तर पश्चिमी कर्नाटक सड़क परिवहन निगम (NWKRTC), और कल्याण कर्नाटक सड़क परिवहन निगम (KKRTC) पर कुल 6,330.25 करोड़ रुपये की देनदारियां हैं।

यह भी पढ़ें:

मुख्यमंत्री हिमंता सरमा ऐलान, मूल निवासियों के लिए शस्त्र लाइसेंस का अलग पोर्टल लाएगी सरकार!

अमृतसर मंदिर ग्रेनेड हमले में NIA की बड़ी कार्रवाई, पंजाब के 19 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी!

260 करोड़ के ग्लोबल साइबर फ्रॉड में ED की बड़ी कार्रवाई!

National Stock Exchange

लेखक से अधिक

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

Star Housing Finance Limited

हमें फॉलो करें

151,711फैंसलाइक करें
526फॉलोवरफॉलो करें
284,000सब्सक्राइबर्ससब्सक्राइब करें

अन्य लेटेस्ट खबरें