ब्रिटेन में हुए चुनाव में लेबर पार्टी को जोरदार सफलता हासिल हुई है| एक दशक से अधिक समय तक विपक्ष में रहने के बाद सत्ता में आई कीर स्ट्रैमर के नेतृत्व में लेबर पार्टी 650 में से 412 सीट के साथ ऐतिहासिक जीत दर्ज करने में सफल हुई। बता दें कि कारुलकर फाउंडेशन के अध्यक्ष प्रशांत कारुलकर और फाउंडेशन के उपाध्यक्ष शीतल कारुलकर के बेटे विवान कारुलकर ने मात्र 16 वर्ष की उम्र में ‘सनातन धर्म: सभी विज्ञानों के स्रोत’ नामक पुस्तक लिखी गयी, जिसकी लेबर पार्टी की ओर से काफी सराहना की गयी।
‘
चुनाव प्रचार के दौरान, जब स्ट्रैमर को स्वयं पुस्तक की एक प्रति भेंट की गई तो उन्होंने भी पुस्तक की प्रशंसा की। ‘सनातन धर्म’ पर आधारित यह पुस्तक स्ट्रमर के लिए दशकों के बाद मिली जीत में शुभ होती दिखाई दी है। प्रशांत कारुलकर ने यानी स्ट्रूमर को इस जीत के लिए बधाई दी और शुभकामनाएं दीं. चुनावी हलचल में भारतीयों को आकर्षित करने के लिए सभी उम्मीदवार हिंदू धर्म में रुचि दिखा रहे थे।
ब्रिटेन में हिंदुत्व को लेकर वहां के स्थानीय उम्मीदवारों में जिज्ञासा देखी जा सकती है| इस प्रचार के दौरान कई उम्मीदवार मंदिरों के दर्शन कर रहे थे| इस बीच विवान की किताब की चर्चा हो रही थी| चुनाव प्रचार के दौरान विभिन्न पार्टियों के उम्मीदवारों ने इस किताब की सराहना की और इतनी कम उम्र में किताब लिखने के लिए विवान की भी सराहना की गई|
यह पुस्तक लंदन में वरिष्ठ पत्रकार हरिदत्त जोशी द्वारा लेबर पार्टी के उम्मीदवार कीर स्ट्रैमर को भेंट की गई। स्ट्रूमर ने भी पुस्तक की प्रशंसा की और विवान के प्रयासों की सराहना की। स्ट्रमर कई वर्षों से ब्रिटिश राजनीति में सक्रिय हैं। वह पेशे से बैरिस्टर हैं। 2020 से, उन्होंने लेबर पार्टी के नेता और विपक्ष के नेता के रूप में भी काम किया है।वर्तमान में वह ब्रिटिश संसद के सदस्य भी हैं। दिलचस्प बात यह है कि उन्होंने 16 साल की उम्र से ही लेबर पार्टी में काम करना शुरू कर दिया था| लेबर पार्टी को 14 साल बाद सत्ता में आने का मौका मिला है|
गौरतलब है कि विवान कारुलकर द्वारा लिखित पुस्तक ‘सनातन धर्म: सभी विज्ञानों का सच्चा स्रोत’ को जबरदस्त प्रतिक्रिया मिलने और देश-विदेश के कई गणमान्य लोगों द्वारा इस पुस्तक की सराहना करने के बाद, विचार प्रक्रिया को जनता के सामने रखा जाएगा। मात्र 16 साल की उम्र में पहली बार विवान के साथ साक्षात्कार के रूप में एक अलग विषय पर इस इंटरव्यू के पहले भाग का टीज़र अभी रिलीज़ हुआ है। इसलिए इस किताब के सफर को लेकर लोगों की जिज्ञासा इस इंटरव्यू से जरूर शांत हो जाएगी|
विवान कारुलकर की किताब मराठी, हिंदी के साथ-साथ अंग्रेजी में भी प्रकाशित हुई है। इन सभी वर्जन को समान रूप से अच्छा रिस्पॉन्स मिला है। इस किताब की देश-विदेश में खूब चर्चा हो रही है और इतनी कम उम्र में यह किताब लिखने के लिए विवान की सराहना भी हो रही है|
वही, दूसरी ओर कारुलकर प्रतिष्ठान के अध्यक्ष विवान कारुलकर और प्रसिद्ध उद्योगपति प्रशांत कारुलकर और प्रतिष्ठान के उपाध्यक्ष शीतल कारुलकर की पुस्तक ‘sanatan dharma : True source of all sciences’ का पहला संस्करण अयोध्या में राम मंदिर में प्रकाशित हुआ था। राम मंदिर ट्रस्ट के चंपतराय ने भी इस पुस्तक की सराहना की|
विवान को उनके सराहनीय काम के लिए लंदन के बकिंघम पैलेस में शाही परिवार द्वारा बैज और सिक्के से सम्मानित किया गया। दिलचस्प बात यह है कि ये सिक्के बेहद दुर्लभ हैं। हाल ही में ब्रिटेन में विवान की किताब की चर्चा हो रही थी| उस वक्त मौजूदा प्रधानमंत्री कीर स्ट्रैमर ने भी विवान की किताब की तारीफ की थी|
भारतीय सेना ने विवान को धार्मिक साहित्य में उनके योगदान के लिए पदक से सम्मानित किया। विवान को ये सम्मान महज 17 साल की उम्र में मिला है| यह पदक लेफ्टिनेंट जनरल धीरज सेठ द्वारा प्रदान किया गया। नासा के वैज्ञानिक मोहम्मद सईदुल अहसन और मोहम्मद सैफ आलम ने भी विवान की किताब की सराहना की| उन्हें इस पुस्तक से सम्मानित किया गया। विवान की किताब स्विट्जरलैंड भी पहुंची| स्विट्जरलैंड की संसदीय समिति के प्रमुख डॉ. निक गुग्गर ने विवान के लेखन की प्रशंसा की।
प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार समिति के सदस्य संजीव सान्याल ने भी इस किताब के लिए विवान की सराहना की | जैन धर्म के आचार्य महाश्रमणजी ने भी पुस्तक देखकर विवान को आशीर्वाद दिया।
भारतीय जनता पार्टी के विधायक और मुंबई प्रभारी अतुल भातखलकर, सांसद गोपाल शेट्टी, सुशील कुल्हारी, राजस्थान के प्रधान आयकर निदेशक सुधांशु शेखर झा, स्वतंत्रता वीर सावरकर राष्ट्रीय स्मारक के कार्यकारी अध्यक्ष रंजीत सावरकर, मुंबई नगर निगम के पूर्व अतिरिक्त आयुक्त प्रवीण परदेशी, धाराशिव के कलेक्टर डॉ. सचिन ओम्बासे, धाराशिव के पुलिस अधीक्षक अतुल कुलकर्णी, मा. गुरुदेव नयापद्मसागरजी, सीमा शुल्क विभाग के आयुक्त असलम हसन,केंद्रीय मंत्री रावसाहेब दानवे के निजी सचिव एस.के.जाधव ने भी विवान के प्रयास की सराहना की।
‘सनातन धर्म:सभी विज्ञानों का सच्चा स्रोत’ का मराठी संस्करण हाल ही में लालबाग के राजा के दरबार में प्रकाशित हुआ था। 9 सितंबर को जब प्रशांत कारुलकर लालबाग के राजा से मिलने गए तो इस पुस्तक के मराठी संस्करण की एक प्रति लालबाग के राजा के चरणों में अर्पित की गई।
यह भी पढ़ें-
विधानसभा चुनाव 2024: प्रधानमंत्री मोदी भाजपा के एक लाख बूथ प्रमुखों से करेंगे बातचीत!