32 C
Mumbai
Friday, October 11, 2024
होमक्राईमनामाKolkata Case: हाईकोर्ट की ममता सरकार को फटकार, कहा, परेशानी क्या है?

Kolkata Case: हाईकोर्ट की ममता सरकार को फटकार, कहा, परेशानी क्या है?

कोर्ट के निर्देश हैं कि मार्च में पर्याप्त स्वयंसेवक होने चाहिए। उल्लेखनीय है कि मार्च के लिए डॉक्टर हाईकोर्ट गए थे।

Google News Follow

Related

कलकत्ता के आरजे कर मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल में ट्रेनि लेडीज डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या की निर्मम घटना हुई थी| इस घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया, लेकिन ममता की टीएमसी सरकार के कानों पर अभी तक जूं नहीं रेंगती दिखाई दे रही है| प्रदर्शनकारी डॉक्टरों के आंदोलन को समाप्त कराने के लिए ममता अपनी घड़ियाली आंसू बहाती दिखाई दे रही हैं|

इस मामले में देश सर्वोच्च न्यायालय के सीजेआई द्वारा हस्तक्षेप करने के बाद अब इस मामले की जांच सीबीआई द्वारा की जा रही है|अब दुर्गा पूजा का पवित्र पर्व आने वाला है| बंगाल में बृहद रूप से मनाये जाने वाले इस पर्व पर ही धरने पर बैठे डॉक्टरों द्वारा विरोध प्रदर्शन करने वाले है| इससे पहले ही बंगाल सरकार द्वारा बंगाल हाईकोर्ट में डॉक्टरों के विरोध प्रदर्शन को लेकर एक याचिका दायर की गयी|

इस याचिका की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने कहा कि पूजा में लाखों लोग सड़कों पर आते हैं। फिर लोग विरोध प्रदर्शन करना चाहते हैं तो इसमें राज्य सरकार को क्या परेशानी है। इसमें बाधा क्यों डाली जा रही है। जिस तरह से पूजा में सुरक्षा के प्रबंध किए जाते हैं, ठीक वैसा ही प्रबंध इसमें भी किया जाना चाहिए।

यह कहते हुए हाईकोर्ट के न्यायाधीश राजर्षि भारद्वाज ने मंगलवार को कॉलेज स्क्वायर से रवींद्र सदन तक मार्च की अनुमति दी है। अनुमति शाम पांच बजे से रात आठ बजे तक के लिए दी गई है। कोर्ट के निर्देश हैं कि मार्च में पर्याप्त स्वयंसेवक होने चाहिए। उल्लेखनीय है कि मार्च के लिए डॉक्टर हाईकोर्ट गए थे।

सरकार ने कहा कि यह स्पष्ट किया जाए की मार्च में कितने लोग शामिल होंगे। इस पर डॉक्टरों के पक्ष के वकील विकास रंजन भट्टाचार्य ने कहा, ‘हम अपने सदस्यों की संख्या बता सकते हैं, लेकिन अगर आम लोग मार्च में शामिल होते हैं, तो उनकी संख्या हम कैसे बता सकते हैं।’ इसके बाद न्यायाधीश भारद्वाज ने राज्य को आम लोगों के संवैधानिक अधिकार की याद दिलाई। उन्होंने कहा, ‘मान लीजिए इस मार्च में 10 लाख आम नागरिक शांतिपूर्ण तरीके से विरोध जताने के लिए स्वैच्छिक रूप से शामिल होते हैं। क्या वे विरोध नहीं कर सकते। यह तो उनका संवैधानिक अधिकार है।’

दुर्गा पूजा के समय लाखों लोग सड़कों पर आते हैं। पुलिस पिछले 45-50 वर्षों से कुशलता से सब कुछ नियंत्रित कर रही है। लोग शांतिपूर्ण तरीके से विरोध करें, और पुलिस भी नियंत्रण करे। साथ ही न्यायाधीश ने राज्य से कहा, अगर पूरे शहर में धारा 144 लागू कर दी जाए, तो फिर कहीं भी बैठक या मार्च नहीं होगा​|

​यह भी पढ़ें-

IND vs BAN:​ भारत का वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप की प्वाइंट टेबल में बड़ा बदलाव​!

लेखक से अधिक

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

The reCAPTCHA verification period has expired. Please reload the page.

हमें फॉलो करें

98,355फैंसलाइक करें
526फॉलोवरफॉलो करें
181,000सब्सक्राइबर्ससब्सक्राइब करें

अन्य लेटेस्ट खबरें