कोलकाता के बड़ा बाजार स्थित ऋतुराज होटल में मंगलवार(29 अप्रैल) देर रात आग की भयावह घटना में कम से कम 14 लोगों की झुलसकर मौत हो गई, जिनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं। घटना ने पूरे देश को झकझोर दिया है और यह सवाल फिर से खड़ा कर दिया है कि क्या कोलकाता महानगर में आम नागरिकों की सुरक्षा केवल राम भरोसे है?
प्रधानमंत्री कार्यालय ने बुधवार (30 अप्रैल)को एक्स अकाउंट पर एक पोस्ट शेयर कर बताया, “कोलकाता में आग लगने की दुर्घटना में लोगों की मौत से दुखी हूं। अपने प्रियजनों को खोने वालों के प्रति संवेदना। घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं। प्रत्येक मृतक के परिजनों को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से 2 लाख रुपए की अनुग्रह राशि दी जाएगी। इसके अलावा, घायलों को 50 हजार रुपए दिए जाएंगे।”
पश्चिम बंगाल भाजपा अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री सुकांत मजूमदार ने एक बयान में कहा, “मछुआ बाजार के एक होटल में लगी आग में 14-15 लोगों की मौत हो गई, जिसमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं। यह महज एक घटना नहीं है बल्कि यह हत्या है, क्योंकि ऐसी घटनाएं बार-बार हो रही हैं। कोलकाता में स्थिति बेहद खराब है। फायर ब्रिगेड मंत्री और मुख्यमंत्री को इस पर ध्यान देना चाहिए, लेकिन मुख्यमंत्री के पास समय ही कहां है। वह सिर्फ जश्न मनाने में व्यस्त हैं।”
चश्मदीद चंचल गुप्ता ने आईएएनएस से बताया कि होटल में आग मंगलवार देर रात करीब 9 बजे के आसपास लगी थी। आग लगने के बाद दमकल विभाग की टीम को मौके पर पहुंचने में एक घंटा लगा था और करीब ढाई घंटे के बाद आग पर काबू पाया जा सका। सुबह साढ़े चार बजे के आसपास शवों को होटल से बाहर निकाला गया। इस हादसे में करीब 18 से 20 लोगों की मौत हुई है।
ऋतुराज होटल, जो मछुआ फल मंडी के भीतर स्थित है, वहां सुरक्षा मानकों की स्थिति पहले से ही सवालों के घेरे में रही है। आग इतनी भीषण थी कि कुछ ही मिनटों में पूरे होटल में धुआं भर गया और लोग अपनी जान बचाने के लिए इधर-उधर भागने लगे, लेकिन अधिकतर की सांसें उसी धुएं में घुट गईं।
इस दर्दनाक हादसे ने एक बार फिर उजागर किया है कि अग्निसुरक्षा और आपदा प्रबंधन के नाम पर कोलकाता के शहरी ढांचे में कितनी लापरवाही और सुस्ती छिपी हुई है।
यह भी पढ़ें:
30 अप्रैल 2025 का राशिफल: जानिए आज का दिन आपके जीवन में क्या लेकर आया है।



