पश्चिम बंगाल में आरजी कर मेडिकल कॉलेज और सरकारी अस्पताल में प्रशिक्षु डॉक्टर से दुष्कर्म और हत्या की घटना ने देश को झकझोर कर रख दिया है|इस घटना का देशभर में गहरा असर हो रहा है| इस घटना को लेकर राजनीतिक माहौल भी गरमा गया है| बलात्कार और हत्या का मामला, उसके बाद पुलिस की कार्रवाई, पश्चिम बंगाल में महिला सुरक्षा का मुद्दा, भारतीय जनता पार्टी राज्य में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस और ममता बनर्जी की सरकार पर लगातार नए आरोप लगा रही है। इस तरह से तृणमूल कांग्रेस (इंडिया अघाड़ी) की सहयोगी कांग्रेस ने ममता सरकार के कामकाज पर उंगली उठा दी है|
कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने बड़ा दावा किया है| चौधरी ने कहा, ”कोलकाता पुलिस ने मृत डॉक्टर लड़की के माता-पिता को उनके घर में नजरबंद कर रखा है| मैं मृत डॉक्टर के घर गया और उनके परिवार से बात की. पुलिस ने उन्हें घर में ही नजरबंद कर रखा है| पुलिस अलग-अलग कारण बताकर मृत बच्ची के माता-पिता को घर से बाहर नहीं निकलने दे रही है| पुलिस ने उनके घरों के बाहर बैरिकेड्स लगा दिए हैं| दिलचस्प बात यह है कि सीआईएसएफ (केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल) को इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है।
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, अधीर रंजन चौधरी ने दावा किया कि ‘तृणमूल कांग्रेस सरकार के आदेश के बाद कुछ लोगों ने पीड़िता के पिता को पैसे की पेशकश की और कहा कि आप अपनी बेटी के शव को अपने कब्जे में ले लें और जल्द से जल्द उसका अंतिम संस्कार कर दें|’ इस बीच, चौधरी आरजी कर ने एक मेडिकल कॉलेज में प्रवेश पाने की कोशिश की थी।लेकिन पुलिस ने उन्हें कॉलेज जाने से रोक दिया| चौधरी वहां कॉलेज में प्रदर्शन कर रहे जूनियर और ट्रेनी डॉक्टरों से मिलने गए थे| लेकिन पुलिस द्वारा रोके जाने के कारण वे प्रदर्शनकारियों से नहीं मिल सके।
…अगर हमारी डॉक्टर बहन जिंदा होतीं-अधीर रंजन चौधरी: पूर्व कांग्रेस सांसद चौधरी ने कहा, मैं वहां एक आम नागरिक के तौर पर गया था| हालांकि, पुलिस ने मुझे प्रदर्शनकारी डॉक्टरों से मिलने की इजाजत नहीं दी| अगर पुलिस पहले से ही सतर्क रहती और अपना काम करती, अगर अपना कर्तव्य निभाती, अगर राज्य में कानून व्यवस्था कायम रहती तो आज हमारी डॉक्टर बहन जीवित होती, उनकी ऐसी स्थिति नहीं होती|
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