2025 के बिहार विधानसभा चुनाव दो चरणों में होंगे। पहला चरण 6 नवंबर और दूसरा 11 नवंबर को, और मतगणना 14 नवंबर को। इस महत्वपूर्ण चुनाव से पहले राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और उनके बेटे तेजस्वी यादव, जो संभावित विपक्षी मुख्यमंत्री उम्मीदवार हैं, पर भ्रष्टाचार के आरोपों ने राजनीतिक माहौल को गहराई से प्रभावित किया है। दायर आरोप लालू यादव, तेजस्वी यादव और उनकी पत्नी राबड़ी देवी से जुड़े हैं और IRCTC होटल घोटाले से संबंधित हैं। आरोप है कि लालू यादव ने रेल मंत्री रहते हुए पटना के दो होटलों के मेंटेनेंस कॉन्ट्रैक्ट में तीन एकड़ की जमीन के बदले टेंडर प्रक्रिया को प्रभावित किया। सभी तीनों आरोपों को खारिज करते हुए ‘अपराध साबित नहीं हुआ’ का दावा कर रहे हैं और उनका मुकदमा चलेगा।
यह मामला महागठबंधन की एकजुटता की परीक्षा भी है। बिहार की 243 विधानसभा सीटों में सहयोगियों के बीच सीट-बंटवारे की वार्ता पहले ही कई हफ्तों तक अटकी हुई थी। कांग्रेस इस बार अधिक सीटों की मांग कर रही है। 2020 में पार्टी ने 70 सीटों पर चुनाव लड़ा और सिर्फ 19 पर जीत हासिल की थी। राहुल गांधी के नेतृत्व में हुई ‘वोटर अधिकार यात्रा’ से मिली सकारात्मक प्रतिक्रिया के आधार पर पार्टी इस बार अधिक जीत की उम्मीद रखती है।
इस नए भ्रष्टाचार मामले से RJD की स्थिति कमजोर हो सकती है और छोटे सहयोगी इस मामले के साये में चुनाव लड़ने से हिचक सकते हैं। सूत्रों के अनुसार, वार्ता में देरी का एक कारण परिवार की बार-बार कोर्ट में उपस्थिति भी रही। लालू, तेजस्वी और राबड़ी देवी सभी आज सुबह कोर्ट में उपस्थित थे।
RJD संभवतः BJP-JDU गठबंधन पर आरोप लगाएगी कि मामला तेज़ी से आगे बढ़ाया गया है ताकि नीतीश कुमार की बेरोजगारी, किसानों की समस्याओं और विकास की कमी से ध्यान भटकाया जा सके। तेजस्वी यादव ने इस मोड़ पर हैरानी जताए बिना कहा, “चुनाव आ रहे हैं, ऐसे हालात बनते रहते हैं… हम अपने लक्ष्य तक पहुंचेंगे। बिहार के लोग देख रहे हैं। हम संघर्ष के रास्ते पर हैं और जीतेंगे। हम बिहारी हैं, बहारी से नहीं डरते।”
शहरी और युवा मतदाता, जिनकी चिंता भ्रष्टाचार को लेकर अधिक है, इसे setback मान सकते हैं। ग्रामीण बिहार में जातिगत निष्ठाएं भ्रष्टाचार चिंताओं से आगे रह सकती हैं। RJD और कांग्रेस इसे ‘अन्याय और राजनीतिक प्रतिशोध’ के रूप में प्रचारित करेंगी, जबकि BJP-JDU इसे ‘भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ा कानून’ और ‘साफ-सुथरी सरकार’ के संदेश के रूप में पेश करेंगे।
RJD की रणनीति होगी कि अदालत में कुछ भी सिद्ध नहीं हुआ और BJP चुनाव से पहले मामले को राजनीतिक हथियार के रूप में इस्तेमाल कर रही है। BJP-JDU संदेश देगा कि कानून के ऊपर कोई नहीं और भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
अब जब आरोप तय हो चुके हैं, कोर्ट सबूतों और गवाहों की गवाही की जांच जारी रखेगी। इस प्रक्रिया के दौरान चुनावी परिदृश्य में धाराएँ लगातार बदलती रहेंगी, और मतदाताओं की प्रतिक्रिया चुनाव के परिणाम के बाद ही स्पष्ट होगी। इससे साफ है कि लालू परिवार के खिलाफ यह मामला बिहार के 2025 के विधानसभा चुनाव की राजनीतिक गाथा में नए अध्याय जोड़ने वाला है।
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