बोम्मई के बयान से महाराष्ट्र की अस्मिता पर हमला​ !​ – अजीत पवार

महाविकास अघाड़ी ने महाराष्ट्र के गद्दारों के खिलाफ हमले का आह्वान करते हुए एक भव्य मार्च का आयोजन किया है।

बोम्मई के बयान से महाराष्ट्र की अस्मिता पर हमला​ !​ – अजीत पवार

Ajit Pawar's attack on Maharashtra's identity with Bommai's statement!

नेता प्रतिपक्ष अजित पवार ने बोम्मई पर निशाना साधते हुए कहा है कि मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई के बयान से महाराष्ट्र​ के अस्मिता को ठेस पहुंची है​| वह 17 दिसंबर के मार्च को लेकर हुई एक अहम बैठक के बाद मीडिया से बातचीत कर रहे थे। अजित पवार ने यह भी कहा है कि बैठक में जो फैसला हुआ है, उस पर कार्रवाई होनी चाहिए| महाविकास अघाड़ी ने महाराष्ट्र के गद्दारों के खिलाफ हमले का आह्वान करते हुए एक भव्य मार्च का आयोजन किया है।

इस बीच अजित पवार ने कहा कि ‘ऐसा लगता है कि दिल्ली में हुई बैठक में बोम्मई ने सुलह का रुख अपनाया है|बैठक में लिए गए निर्णय के अनुसार कार्रवाई की जाए। बोम्मई को जो तय किया गया है उसके अनुसार कार्य करना चाहिए। हमने कभी ऐसा काम नहीं किया कि राज्य की एकता प्रभावित होगी। अगर बोम्मई ने विवादित बयान नहीं दिया होता तो यह विवाद इतना नहीं बढ़ता। बोम्मई के बयान ने राज्य की अस्मिता​ ​को हिला कर रख दिया।

छत्रपति शिवाजी महाराज के खिलाफ विवादित बयानों के खिलाफ महाविकास अघाड़ी 17 दिसंबर को मुंबई में एक विशाल मार्च निकालेगा। राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने छत्रपति शिवराय के बारे में नकारात्मक बयान दिया। इसके बाद भाजपा​​ नेताओं ने छत्रपति शिवाजी महाराज को लेकर भी आपत्तिजनक बयान दिए| भाजपा नेताओं ने भी महापुरुषों का अपमान करने वाले बयान दिए। इस बाबत आक्रामक रुख अपनाते हुए माविसे भव्य मार्च का आह्वान किया गया है।

इसी सिलसिले में आज माविकी एक अहम बैठक हुई|इसके बाद नेता प्रतिपक्ष अजित पवार ने मीडिया से बातचीत में प्रतिक्रिया दी| इस भव्य मार्च को लेकर शिवसेना (ठाकरे गुट) एनसीपी और कांग्रेस पार्टियों की तरफ से भारी तैयारियां की जा रही हैं|​ ​

अजित पवार ने कहा कि गृह मंत्री ने बुधवार को बैठक बुलाई थी|​ ​कर्नाटक और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्रियों के बीच बैठक हुई। अगर बोम्मई ने महाराष्ट्र को लेकर विवादित बयान नहीं दिया होता तो ऐसा नहीं होता। कर्नाटक के मुख्यमंत्री ने बिना वजह विवाद खड़ा कर दिया।इससे महाराष्ट्र सीमा पर ग्रामीणों में तनाव पैदा हो गया। सीमा पर मौजूद ग्रामीणों ने कर्नाटक जाने की राय व्यक्त की। कर्नाटक को समझदार रुख अपनाना चाहिए। अजित पवार ने ​यह ​भी कहा है कि दोनों तरफ से समझना जरूरी है|

 
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