केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एक इंटरव्यू में कई राजनीतिक मुद्दों पर टिप्पणी की है|इसमें उन्होंने इस साल के लोकसभा चुनाव से लेकर चुनाव अवरोध योजना, वन नेशन वन इलेक्शन फैसले, संविधान बदलने के विपक्ष के आरोपों जैसे कई मुद्दों पर अपना पक्ष रखा|इस मौके पर उन्होंने एक ओर जहां चुनावी बांड को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर टिप्पणी की, वहीं दूसरी ओर देश में वन नेशन, वन इलेक्शन कैसे होगा, इस पर भी अपना रुख साफ किया|
एक देश, एक चुनाव से कम समय में भंग हो जाएगी सरकार?: मोदी सरकार ने एक देश, एक चुनाव में सभी विधानसभा और लोकसभा चुनाव एक साथ कराने की योजना की घोषणा की है। इसके लिए सरकार संसद में कानून पारित करने की तैयारी कर रही है और अगर यह अस्तित्व में आया तो कुछ ही समय में राज्यों में सरकारें बर्खास्त होने की आशंका है|शाह ने इस पर टिप्पणी करते हुए इस योजना को कैसे लागू किया जाएगा इसकी प्लानिंग बताई है|
60 के दशक तक देश में एक राष्ट्र, एक चुनाव की व्यवस्था थी। यह गणित तब थोड़ा गड़बड़ा गया जब इंदिरा गांधी ने विपक्षी सरकारों को सामूहिक रूप से ध्वस्त कर दिया। अब कानून बनाकर इन चुनावों को मजबूत करने की जरूरत है| पांच साल में पार्टियां एक बार जनता के सामने जाएंगी, मतदाता एक बार वोट देंगे और जिसे बहुमत मिलेगा वही सरकार चलाएगा|
कैसे लागू होगी योजना?: जिसका कार्यकाल बचा है, उसे कोई पूरा नहीं कर सकता. हालाँकि, नया कार्यकाल केवल 2029 तक रहेगा, जिसके बाद अगले पाँच वर्षों के लिए नए चुनाव होंगे। इस दौरान चुनी हुई सरकारों को कोई नहीं गिराएगा| लेकिन नई सरकारें अल्पावधि के लिए चुनी जाएंगी और 2029 से सभी सरकारें पांच साल के लिए चुनी जाएंगी।
चुनावी बांड पर साफ किया रुख: इस बीच अमित शाह ने कहा है कि चुनावी बांड पर सुप्रीम कोर्ट से ऐसे फैसले की उम्मीद नहीं थी|मुझे ऐसे नतीजे की उम्मीद नहीं थी। चुनावी बांड की व्यवस्था को अच्छी तरह से समझना चाहिए।अब बांड प्रणाली मौजूद नहीं है, लेकिन चुनाव अभी भी चल रहे हैं|लागत कम नहीं हो रही है| कौन खर्च कर रहा है|यह सब कैसे हो रहा है? काले धन के अलावा कोई विकल्प नहीं है|बिना कोई विकल्प दिए चुनावी बांड का विकल्प बंद कर दिया गया| किसी बिंदु पर सुप्रीम कोर्ट को इस पर पुनर्विचार करना होगा।
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