आगामी लोकसभा चुनाव 2024 की तिथि की घोषणा चुनाव आयोग जल्द ही करने वाला है| इसको लेकर सभी राजनीतिक पार्टियां चुनावी गणित की जुगत में जुट गयी है| कौन, कितने सीट पर अपने उम्मीदवारी तय करेगा इसकी बानगी बिहार में चिराग पासवान और चाचा पशुनाथ के साथ ही साथ पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के खेमे देखने को मिल रही है| वही देश की सबसे बड़ी गठबंधन एनडीए का बिहार में सीट बंटवारे की गणित अभी सुलझती नहीं दिखाई दे रही है|
वही दूसरी ओर बिहार की सियासी समीकरण में जेडीयू मुखिया नीतीश कुमार के दोबारा एनडीए में शामिल होने के साथ ही गठबंधन का स्वरूप ही बदल गया है|बता दें कि चिराग पासवान और उपेंद्र कुशवाहा भाजपा के एनडीए गठबंधन में अपनी स्थिति को लेकर काफी मजबूत माने जा रहे थे| दूसरी ओर नीतीश कुमार के जेडीयू में शामिल होने के बाद चाचा-भतीजे पर सीट बंटवारे को लेकर संकट छाया हुआ है| इसके साथ ही जीतनराम मांझी की गया सीट सुलझती नहीं दिखाई दे रही है|
गौरतलब है कि वर्ष 2019 के फॉर्मूले में एलजेपी के 6 सांसद जीते थे| वही, पशुपति पारस नाथ का भी दावा है कि लोक जनशक्ति पार्टी के छह में से पांच सांसद अब उनके साथ हैं और उनकी पार्टी एलजेपी का हिस्सा है, ऐसे में उनका दावा भी 6 सीटों पर है| चाचा और भतीजे दोनों के बीच हाजीपुर लोकसभा सीट को लेकर भी लड़ाई है, चिराग पासवान ने भी अपने दिवंगत पिता राम विलास पासवान की विरासत का हवाला देते हुए हाजीपुर सीट पर अपना दावा ठोक रहे हैं|
जेडीयू एक फिर अपनी जीती हुई सीट किसी भी सूरत में नहीं छोड़ना चाहती है,जिसकी वजह से चिराग पासवान और उपेंद्र कुशवाहा की मुश्किलें बढ़ी हुई हैं, क्योंकि उन्हें आरजेडी के साथ भी बहुत ज्यादा सियासी लाभ नहीं दिख रहा है| भाजपा की ओर से केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह शनिवार को बिहार पहुंच रहे हैं| माना जा रहा है कि वो सीट शेयरिंग की उलझी गुत्थी को सुलझाने का फॉर्मूला निकालेंगे?
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