Lok Sabha Session: पीएम मोदी ने ओम बिरला की सराहना की, अध्यक्ष ने की आपातकाल की कड़ी निंदा !

ओम बिरला ने अपने पहले संबोधन में आपातकाल को याद किया। हंगामे के बाद कार्यवाही स्थगित कर दी गई। पीएम मोदी ने लोकसभा में आपातकाल की निंदा करने के लिए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की सराहना की और कहा कि उन दिनों के पीड़ितों के सम्मान में मौन रखना एक अच्छा भाव था।

Lok Sabha Session: पीएम मोदी ने ओम बिरला की सराहना की, अध्यक्ष ने की आपातकाल की कड़ी निंदा !

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18वीं लोकसभा का स्पीकर के पद पर ओम बिरला ध्वनिमत से चयन किया है। लोकसभा में ध्वनिमत से बिरला को लगातार दूसरी बार लोकसभा अध्यक्ष चुना गया। इस दौरान पीएम मोदी और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी परंपरा के अनुसार आसन तक लेकर गए। ओम बिरला ने अपने पहले संबोधन में आपातकाल को याद किया। हंगामे के बाद कार्यवाही स्थगित कर दी गई। पीएम मोदी ने लोकसभा में आपातकाल की निंदा करने के लिए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की सराहना की और कहा कि उन दिनों के पीड़ितों के सम्मान में मौन रखना एक अच्छा भाव था।

बता दें कि ओम बिरला ने लोकसभा अध्यक्ष चुने जाने के तुरंत बाद आपातकाल की निंदा करते हुए एक प्रस्ताव पढ़ा और प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के नेतृत्व वाली तत्कालीन सरकार की आलोचना की। कांग्रेस सांसदों और कुछ अन्य विपक्षी सदस्यों के विरोध के बीच बड़ी संख्या में सांसद कुछ क्षणों के लिए मौन रहे।

पीएम मोदी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में लिखा, ‘मुझे खुशी है कि माननीय अध्यक्ष ने आपातकाल की कड़ी निंदा की, उस दौरान की गई ज्यादतियों को उजागर किया और यह भी उल्लेख किया कि किस तरह से लोकतंत्र का गला घोंटा गया था। पीएम मोदी ने कहा कि ‘आपातकाल 50 वर्ष पहले लगाया गया था, जब संविधान को पैरों तले रौंदा गया ,जनमत को दबाया जाता है और संस्थाओं को नष्ट किया जाता है।

इमरजेंसी के 50 साल पूरे होने पर भाजपा सांसद कंगना राणावत ने कहा, ‘जो सबसे ज्यादा संविधान की दुहाइयां देते हैं उनको इस बात की भी जिम्मेदारी लेनी चाहिए। वो अपनी दादी और पिताजी ने नाम पर वोट मांगते हैं| आज जो संविधान की सबसे ज्यादा दुहाइयां देते हैं वे खुद का भी ट्रैक रिकॉर्ड देखें।

आज लोकसभा में आपातकाल पर पेश किए गए प्रस्ताव पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा, ‘ये सदन 1975 में देश में आपातकाल(इमरजेंसी) लगाने के निर्णय की कड़े शब्दों में निंदा करता है। इसके साथ ही हम, उन सभी लोगों की संकल्प शक्ति की सराहना करते हैं, जिन्होंने इमरजेंसी का पुरजोर विरोध किया, अभूतपूर्व संघर्ष किया और भारत के लोकतंत्र की रक्षा का दायित्व निभाया।

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा ‘यह 18वीं लोकसभा लोकतंत्र का विश्व का सबसे बड़ा उत्सव है। अन्य चुनौतियों के बावजूद 64 करोड़ से अधिक मतदाताओं ने पूरे उत्साह के साथ चुनाव में भाग लिया। मैं सदन की ओर से उनका और देश की जनता का आभार व्यक्त करता हूं। निष्पक्ष, निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से चुनाव प्रक्रिया संचालित करने के लिए और दूर-दराज के क्षेत्रों में भी एक भी वोट पड़े, यह सुनिश्चित करने के लिए चुनाव आयोग द्वारा किए गए प्रयासों के लिए मैं उनका आभार व्यक्त करता हूं। 

प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में लगातार तीसरी बार एनडीए सरकार बनी है। पिछले एक दशक में लोगों की अपेक्षाएं, आशाएं और आकांक्षाएं बढ़ी हैं। इसलिए, यह हमारा दायित्व बनता है कि उनकी अपेक्षाओं और आकांक्षाओं को प्रभावी तरीके से पूरा करने के लिए हम सामूहिक प्रयास करें।’लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा “यह 18वीं लोकसभा लोकतंत्र का विश्व का सबसे बड़ा उत्सव है। अन्य चुनौतियों के बावजूद 64 करोड़ से अधिक मतदाताओं ने पूरे उत्साह के साथ चुनाव में भाग लिया। मैं सदन की ओर से उनका और देश की जनता का आभार व्यक्त करता हूं।

17वीं लोकसभा की उत्पादकता 97 प्रतिशत रही और उसके लिए सभी सदस्यों के साथ ही आप विशेष अभिनंदन के अधिकारी हैं।कोरोना के समय में संसद का काम रुका नहीं। आपने जो फैसले किए, उसी का परिणाम है कि हम मुश्किल समय में भी काम कर पाए है। कोरोना काल में संसद की उत्पादकता 170 प्रतिशत रही, जो बहुत बड़ी बात है। पीएम ने कहा हमारा संसद भवन सिर्फ चारदीवारी नहीं। ये देश की जनता का आशा का प्रतीक है। संसद की कार्यवाही लोकतंत्र को और मजबूत बनाती है।

पीएम मोदी ने कहा कि, आपने कभी कभी कठोरता के साथ भी फैसले लिए। ऐसे फैसलों से आपको पीड़ा भी हुई, लेकिन आपने संसद की गरिमा और व्यक्तिगत पीड़ा में से आपने संसद की गरिमा का चुनाव किया। मुझे विश्वास है कि आप तो सफल होंगे ही, लेकिन आपकी अध्यक्षता में ये संसद भी देश की आकांक्षाओं को पूरा करेगी। मैं आपको और इस संसद को बहुत बधाई देता हूं।

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