कांग्रेस के पूर्व सांसद संजय निरूपम ने इस्तीफे के बाद पार्टी पर जोरदार हमला किया है|उन्होंने यह कदम कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडगे द्वारा उनके निष्कासन को लेकर दिए पत्र को लेकर किया गया है|खडगे द्वारा संजय निरूपम पर पार्टी में अनुशासनहीनता और उनके विरोधी बयानबाजी को लेकर 6 वर्ष के लिए कांग्रेस से निष्कासित करने का फैसला लिया गया है| इसके जबाव में निरुपम ने पार्टी के इस कार्रवाई को लेकर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि इस्तीफे के बाद निष्कासन की त्वरित फैसला अच्छा लगा है|
यही नहीं मुंबई कांग्रेस के पूर्व प्रमुख व सांसद संजय निरुपम ने ‘एक्स’ पोस्ट करते हुए कहा कि मेरा इस्तीफा मिलने के बाद पार्टी प्रमुख की ओर से निष्कासन पत्र जारी करने का निर्णय लिया|उन्होंने यह भी कहा कि अन्तोगत्वा पार्टी प्रमुख की लंबे समय से की जा रही प्रतीक्षा को पूर्ण करने का फैसला किया है| यही नहीं, उन्होंने एक्स पर भी कहा कि मैं कांग्रेस कमेटी की प्रथम सदस्यता से भी इस्तीफा दे रहा हूँ|
कांग्रेस को घेरा: संजय निरुपम ने प्रेस कॉन्फ्रेस कर पार्टी हाईकमान पर भी जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि मैंने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडगे को अपना इस्तीफा भेज दिया। पार्टी संगठन के नेताओं ने भी यह कहा है कि इसकी कांग्रेस विचारधारा दिशाहीन है। साथ ही उन्होंने कहा पहले पार्टी में एक मुख्य केंद्र हुआ करता था, लेकिन इस समय कांग्रेस पार्टी में आपस में ही टकराव की स्थिति में दिखाई दे रही है|
वही, संजय निरुपम ने कहा अब एक की बजाय कांग्रेस में प्रमुख सेंटर दिखाई दे रहे है और सभी अपने-अपने तरीके से राजनीति कर रहे हैं| इस स्थिति में सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और पार्टी महासचिव केसी वेणुगोपाल आदि पार्टी प्रमुख के रूप में वर्चस्व का अपना-अपना दांवा भी ठोकते दिखाई दे रहे हैं|
महाराष्ट्र को लेकर कांग्रेस की स्थिति पर क्या कहा?: संजय निरुपम मुंबई उत्तर पश्चिम लोकसभा क्षेत्र से टिकट की उम्मीद लगाए बैठे थे। हालांकि, आगामी संसदीय चुनावों के लिए शिवसेना (उबाठा) ने इस सीट से अपने उम्मीदवार की घोषणा कर दिया था। इसके बाद संजय मुंबई की सीटें उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी को देने के लिए महाराष्ट्र कांग्रेस नेतृत्व की तीखी आलोचना भी की। इसके बाद से कांग्रेस ने स्टार प्रचारकों की सूची से निरुपम का नाम भी काट दिया।
मुंबई उत्तर से पूर्व सांसद ने यह भी कहा था कि कांग्रेस नेतृत्व को शिवसेना (उबाठा) द्वारा खुद को कमजोर नहीं होने देना चाहिए। वही दूसरी ओर उद्धव ठाकरे की शिवसेना (उबाठा) द्वारा मुंबई की छह लोकसभा सीटों पर अपने उम्मीदवारों की घोषणा के बाद निरुपम ने कहा था कि यह निर्णय मुंबई में कांग्रेस को खत्म करने के लिए है। मैं इस निर्णय की कड़ी आपत्ति व्यक्त करता हूं।’
वही निरुपम ने ठाकरे पर भी हमला बोलते हुए कहा कि वे एकतरफा उम्मीदवारों की घोषणा करके गठबंधन की नैतिकता का पालन नहीं किया। निरुपम मुंबई उत्तर पश्चिम सीट से ‘उबठा’ के अमोल कीर्तिकर को उम्मीदवार बनाये जाने का भी घोर विरोध किया। बता दें कि कोरोना काल में इन्हीं अमोल कीर्तिकर पर खिचड़ी ठेका भ्रष्टाचार का गंभीर आरोपी हैं और ईडी द्वारा उनकी जांच की जा रही है।
बता दें कि इससे पहले संजय निरुपम वर्ष 2005 में शिवसेना छोड़ी थी। इसके बाद वे कांग्रेस में चले गए। वर्ष 2009 में उन्होंने मुंबई उत्तर सीट से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। वर्ष 2014 में इसी मुंबई उत्तर सीट पर भाजपा के गोपाल शेट्टी से चुनाव हार गए थे।
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