क्या ओवैसी-जलील महिला विरोधी हैं? महिला आरक्षण विधेयक पास
लोकसभा में बिल के पक्ष में 454 वोट पड़े जबकि विपक्ष में केवल मात्र 2 वोट ही मिले।
Team News Danka
Updated: Thu 21st September 2023, 01:16 AM
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लोकसभा में लंबी बहस के बाद महिला आरक्षण विधेयक पास हो गया। लोकसभा में पर्चियों के जरिए मतदान हुआ। महिला आरक्षण बिल के पक्ष में 454 वोट पड़े जबकि विपक्ष में केवल मात्र 2 वोट ही मिले। गौरतलब है कि महिला आरक्षण बिल दो तिहाई बहुमत के साथ पास हुआ। सोनिया गांधी ने इस बिल को कांग्रेस को विधेयक बताया। वहीं, चर्चा के दौरान राहुल गांधी ने ओबीसी महिलाओं को भी को आरक्षण देने की वकालत की। जिसका जवाब गृह मंत्री अमित शाह ने दिया।
चर्चा के दौरान अमित शाह ने कहा कि यह बिल कुछ राजनीति पार्टियों के लिए चुनाव जीतने का जरिया हो सकता है। जबकि पीएम नरेंद्र मोदी के लिए यह बिल राजनीति मुद्दा नहीं बल्कि मान्यता का सवाल है। उन्होंने कहा कि इस बिल के पास हो जाने से एक तिहाई सीटें मातृशक्ति के लिए आरक्षित हो जाएंगी। इसके पास होने से देश की बेटियां मात्र नीतियों के अंदर भागीदार ही नहीं होंगी। बल्कि नीति निर्धारण में अपने पद को सुरक्षित करने में कामयाब होंगी।चर्चा के दौरान राहुल गांधी ने कहा कि मै इस बिल के समर्थन में खड़ा हूं , लेकिन इस बिल ओबीसी के आरक्षण का प्रावधान होना चाहिए। एक तरह से यह बिल अधूरा है। उन्होंने कहा कि परिसीमन पूरा होने के बजाय इसे तुरंत लागू किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि जब विपक्ष जाति गणना की बात करता है तो सत्ता पक्ष भटकाने वाला मुद्दा ले आता है।
जिस पर पलटवार करते हुए अमित शाह ने कहा कि कांग्रेस नेता कह रहे हैं कि जो लोग देश चला रहे है। उनमें केवल तीन ओबीसी हैं। उन्होंने कहा कि यह उनकी समझ बताती है। उन्हें लगता है की यह देश सेक्रेटी चलाते है। मेरी समझ में इस देश को सरकार चला रही है। ओबीसी का आंकड़ा देते हुए कहा कि उन्हें आंकड़ा चाहिए तो मै आंकड़ा देता हूँ। उन्होंने कहा कि बीजेपी की सरकार 29 फीसदी यानी 85 सांसद ओबीसी समाज से हैं। उन्होंने आगे कहा कि बीजेपी में 1358 विधायक में से 365 यानी 27 प्रतिशत ओबीसी है। अगर एमएलसी की बात करें तो 163 में से 65 हैं यानी यह आंकड़ा चालीस प्रतिशत का है।
बता दें की इस बिल नारी शक्ति वंदन के नाम से जाना जाएगा। एक सवाल जो हमेशा उठेगा कि आखिर दो वोट महिला आरक्षण बिल के विरोध में डालने वाले वे कौन कौन नेता है। तो वे नेता हैदराबाद के एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी और सांसद इम्तियाज जलील ने इस बिल के खिलाफ वोट डाला। उन्होंने बहस के दौरान ही अपना रुख स्पष्ट कर दिया था कि वे इस बिल का समर्थन नहीं करेंगे। उन्होंने मुस्लिम महिलाओं के लिए आरक्षण की मांग की थी।