लोकसभा चुनाव के को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी न्यूज चैनलों और समाचार संगठनों को दिए गए इंटरव्यू में, उन्होंने देश में भ्रष्टाचार, मनी लॉन्ड्रिंग के मामलों और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), केंद्रीय अपराध जांच विभाग (सीबीआई), आयकर विभाग (आईटी) और अन्य केंद्रीय जांच द्वारा उनके खिलाफ की गई कार्रवाइयों पर अपने विचार व्यक्त किए। एजेंसियों के साथ-साथ उस कार्रवाई के बाद केंद्र सरकार की आलोचना भी हुई| प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ”पहले देश में चर्चा थी कि कितना भी भ्रष्टाचार कर लो, उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं होती|
केवल छोटे और बड़े लोगों से ही निपटा जाता है, बड़ी मछलियाँ कभी नहीं पकड़ी जातीं। बहरहाल, हम भ्रष्टाचारियों पर सख्त कार्रवाई कर रहे हैं, भ्रष्टाचार की बड़ी-बड़ी मछलियां केंद्रीय जांच एजेंसियों की पकड़ में आ रही हैं, तो अब कहा जा रहा है कि फलां-फलां लोगों पर कार्रवाई क्यों की जा रही है? मैं नहीं जानता कि ये लोग वास्तव में क्या चाहते हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा,अगर भ्रष्टाचार की बड़ी मछलियां केंद्रीय जांच एजेंसियों के गले में फंसी हैं तो कुछ लोग हमसे पूछ रहे हैं कि हम इन लोगों को क्यों पकड़ रहे हैं? कभी-कभी मुझे नहीं पता होता कि कौन सा खान मार्केट गैंग कुछ लोगों को बचाने की कोशिश कर रहा है। कौन सा गैंग अपने ही देश के खिलाफ जनमत तैयार करने की कोशिश कर रहा है| हमारा प्रशासन ईमानदारी से काम कर रहा है, लेकिन कुछ लोग जोर-जोर से चिल्ला रहे हैं।
मोदी ने कहा, ”भ्रष्टाचार की बड़ी मछलियां अब पकड़ी जा रही हैं जबकि कुछ विरोध कर रही हैं| मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि मनी लॉन्ड्रिंग, भ्रष्टाचार और भ्रष्ट लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए जो एजेंसियां हैं, वे स्वतंत्र रूप से काम कर रही हैं। साथ ही उन आरोपियों या अपराधियों को जेल में रखना है या नहीं, उनका मुकदमा सही है या गलत? इसका फैसला कोर्ट करता है|हमारी अदालत उनके खिलाफ कार्रवाई करती है, सज़ा सुनाती है, ज़मानत देती है| इसमें मोदी की कोई भूमिका नहीं है और न ही सरकार की इसमें कोई भागीदारी है|
नरेंद्र मोदी ने कहा, इसके साथ ही देश के सामने चिंता का एक और विषय है| देश में भ्रष्ट लोगों का महिमामंडन किया जा रहा है| कोई भी अतीत में भ्रष्टाचार के आरोप में पकड़ा जाना नहीं चाहता। लोग हमेशा इसकी शिकायत करते थे| अब भ्रष्ट अधिकारी पकड़े जा रहे हैं और उनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है| कुछ लोग सिर्फ अपनी गर्दन बाहर निकाल रहे हैं। इसलिए मेरा मानना है कि हमारे देश की मीडिया को बहुत जिम्मेदारी से एक काम करना चाहिए।
उन्हें जनता के बीच जाकर पूछना चाहिए कि भ्रष्टाचार की छोटी मछलियों को पकड़ना चाहिए या बड़ी मछलियों को पकड़कर जेल में डालना चाहिए? मीडिया को देखना चाहिए कि इस बारे में जनता की क्या राय है| अथवा केन्द्रीय जांच एजेंसियों द्वारा की गई कार्रवाई की समुचित जानकारी जनता तक पहुंचाकर जनमत तैयार किया जाए।
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