ममता बनर्जी की नई पारी, भारत ने गठबंधन के सामने रखीं ये तीन महत्वपूर्ण शर्तें!

ममता बनर्जी ने कहा कि अगर केंद्र में सरकार बनती है तो हुगली में इंडिया अलायंस को बाहर से समर्थन देंगी,जब इस पर विवाद हुआ तो उन्होंने 24 घंटे के अंदर यू-टर्न लेते हुए कहा, 'हम इंडिया अलायंस का हिस्सा हैं और बने रहेंगे।'

ममता बनर्जी की नई पारी, भारत ने गठबंधन के सामने रखीं ये तीन महत्वपूर्ण शर्तें!

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पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी लोकसभा चुनाव के हर चरण से पहले बेहद योजनाबद्ध तरीके से नई चालें चल रही हैं। पांचवें चरण से पहले प्रचार के दौरान ममता बनर्जी ने कहा कि अगर केंद्र में सरकार बनती है तो हुगली में इंडिया अलायंस को बाहर से समर्थन देंगी,जब इस पर विवाद हुआ तो उन्होंने 24 घंटे के अंदर यू-टर्न लेते हुए कहा, ‘हम इंडिया अलायंस का हिस्सा हैं और बने रहेंगे।’

उन्होंने सफाई दी कि उनके बयान का गलत मतलब निकाला गया| छह चरणों का चुनाव हाल ही में संपन्न हुआ है| हालांकि, अब सातवें चरण के चुनाव से पहले ममता बनर्जी ने इंडिया अलायंस के सामने तीन शर्तें रखकर एक बार फिर बड़ी मुसीबत खड़ी कर दी है|

जाधवपुर में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए, ममता बनर्जी ने केंद्र में अखिल भारतीय गठबंधन को समर्थन देने के लिए तीन शर्तों की घोषणा की। उन्होंने कहा कि केंद्र में उनके समर्थन से भारत सरकार बनाने की शर्त नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए), राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) और समान नागरिक संहिता (यूसीसी) को रद्द करना होगा। साथ ही वह यह बताना नहीं भूलीं कि 97 फीसदी मुसलमानों को इसके दायरे में लाने के लिए ओबीसी वर्ग में आरक्षण 17 फीसदी बढ़ाया गया है|

ओबीसी सर्टिफिकेट पर क्या बोले सीएम?: हम शुरू से ही नागरिकता संशोधन कानून (सीएए), राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) और समान नागरिक संहिता (यूसीसी) का विरोध कर रहे हैं। केंद्र ने सीएए लागू किया. लेकिन, एनआरसी और यूसीसी को लेकर अभी तक कोई कानून नहीं बना है| उन्होंने इस समय स्पष्ट किया कि वह कलकत्ता हाई कोर्ट द्वारा ओबीसी प्रमाणपत्र रद्द करने के दिए गए आदेश को नहीं मानते हैं और सुप्रीम कोर्ट जा रहे हैं|

लोकसभा चुनाव के अंतिम चरण का मतदान 1 जून को होगा| अब चर्चा हो रही है कि इस आखिरी चरण में मुस्लिम वोटों का बंटवारा न हो इसके लिए ममता बनर्जी ने बड़े ही योजनाबद्ध तरीके से इस मुद्दे को उठाया| वह यह बताना भी नहीं भूलीं कि उन्होंने 97 फीसदी मुसलमानों को अपने दायरे में लाने के लिए ओबीसी वर्ग में आरक्षण 17 फीसदी बढ़ाया|

दक्षिण 24 परगना की चार, कोलकाता की दो और उत्तर 24 परगना की तीन सीटों पर 1 जून को मतदान होगा। इन सीटों पर मुस्लिम मतदाताओं की संख्या बड़ी है| माना जा रहा है कि इसीलिए उन्होंने सीएए, एनआरसी और यूसीसी पर यह शर्त रखी है।

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