लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की मुश्किलें कम होने का नाम ही नहीं ले रही हैं|उनके अपने ही कही पार्टी छोड़कर जा रहे हैं तो कही चुनाव लड़ने में अपनी असमर्थता बताते दिखाई दे रहे हैं, जिसके कारण कांग्रेस का कुनबा एक-एक करके बिखरता दिखाई दे रहा है|अंतर्कलह से झूझती कांग्रेस के लिए पंजाब और नेतृत्वहीनता के कारण उड़ीसा की पूरी भी खिसकती दिखाई दे रही है|
बता दें कि उड़ीसा की पूरी लोकसभा सीट से आर्थिक कारणों का हवाला देते हुए कांग्रेस उम्मीदवार सुचारिता मोहंती ने अपना नाम वापस ले लिया है। इससे पहले इंदौर के प्रत्याशी ने अपना नामांकन के बाद अपना नाम वापस ले लिया था। इसके बाद सूरत लोकसभा सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी का नामांकन रद्द हो गया।
उड़ीसा की पूरी लोकसभा सीट से अपनी उम्मीदवारी का दावा करने वाली सुचारिता मोहंती ने कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल को ईमेल भेजा है, जिसमें उन्होंने लिखा कि वह सांसद का टिकट लौटा रही हैं। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार सुचारिता मोहंती ने लिखा कि पूरी लोकसभा सीट पर हमारा चुनाव प्रचार बुरी तरह से प्रभावित हुआ है क्योंकि पार्टी से चुनाव प्रचार के लिए फंडिंग नहीं दिया गया। ओडिशा कांग्रेस के प्रभारी डॉ अजॉय कुमार ने मुझे खुद ही चुनाव प्रचार का खर्चा उठाने को कहा।
गौरतलब है कि कांग्रेस में पंजाब की 13 लोकसभा सीटों में से छह पर जहां टिकट न मिलने से दावेदारों में भारी नाराजगी बताई जा रही है, जिसके कारण अंदरूनी गुटबाजी बढ़ी है। वहीं, दो सीटों पर नाराज नेताओं ने पार्टी को ही छोड़ दिया है, बता दें कि पंजाब विधानसभा में कांग्रेस के उपनेता रहे डॉ. राजकुमार चब्बेवाल ने कांग्रेस छोड़कर आप में शामिल हो गए। ऐसे में अपनों के चलते ही इस बार के चुनावों में कांग्रेस का खेल बिगड़ सकता है।
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