बीजेपी ने मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव से बहुत पहले ही उम्मीदवारों की पहली लिस्ट को गुरुवार को जारी कर दिया। बीजेपी ने दोनों राज्यों की पहली लिस्ट में 60 उम्मीदवारों का ऐलान किया। जिसमें मध्य प्रदेश के लिए 39 और छत्तीसगढ़ के लिए 21 उम्मीदवारों की सूची जारी की गई है। बता दें कि दोनों राज्यों में इसी साल विधानसभा चुनाव होना है। जिसके लिए बीजेपी पहले से ही कमर कस ली है। ऐसे में यह सवाल उठ रहा है कि आखिर ढाई माह पहले ही बीजेपी ने अपने उम्मीदवारों की लिस्ट क्यों जारी की। तो आइये जानते।
पहले उम्मीदवारों की लिस्ट क्यों: दरअसल, बीजेपी कर्नाटक और हिमाचल प्रदेश में इसी साल हुए चुनाव में मिली हार से उबरने के लिए अभी से जोर शोर से उतरने की तैयारी की है। अक्सर बीजेपी चुनाव की घोषणा होने के बाद ही अपने उम्मीदवारों की घोषणा करती है,लेकिन इस बार बीजेपी ने अपनी रणनीति में बड़ा बदलाव किया है। बताया जा रहा है कि बुधवार को केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक बीजेपी के बड़े नेता मौजूद थे। पीएम मोदी की अगुवाई में हुई बैठक में गृह मंत्री अमित शाह ,रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और राज्य के प्रभारी मौजूद थे। इस बैठक उम्मीदवारों को पहले से ही तैयारी करने के लिए समय देने पर चर्चा की गई। ताकि उम्मीदवार अपनी सीट पर खुद को आजमा सके।
बीजेपी का ए, बी, सी, डी फार्मूला क्या है: दरअसल, बीजेपी गुटबाजी से बचने के लिए चुनाव से कुछ समय पहले अपने उम्मीदवारों की घोषणा करती रही है। लेकिन इस बार बीजेपी ने अपना प्लान में बदलाव किया है। इससे उम्मीदवार अपने क्षेत्र में माहौल बना सके। इस बार, बीजेपी ने चुनावी क्षेत्रों को ए, बी, सी, डी हिस्सों में बांटकर चुनाव मैदान में उतरने का प्लान बनाया है। ए में उस सीटों को रखा गया है जिसमें बीजेपी के नेता अक्सर जीत दर्ज करते रहे हैं। जबकि,बी में उन सीटों को रखा गया है जिसमें बीजेपी के नेता पिछले चुनाव में जीतते और हारते रहे हैं। वहीं, सी में उन सीटों को रखा गया है जिस पर बीजेपी के उम्मीदवार दो बार हार चुके हैं। अगर बात डी की करें तो इस कैटेगरी में वे सीटें रखी गई हैं जिसे बीजेपी नेता जीत नहीं पाए हैं।
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