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Friday, February 21, 2025
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महाराष्ट्र: शिवाजी महाराज की 395 वीं जयंती धूमधाम से मनाई जा रही है, सीएम ने की प्रतिमा पर माल्यार्पण!

सीएम फडनवीस ने यह भी घोषणा की कि प्रधानमंत्री मोदी की पहल पर महाराष्ट्र के 12 किलों को यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल का दर्जा देने के लिए नामित किया गया है।

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शिवाजी महाराज की 395 वीं जयंती के मौके पर राज्य के सीएम देवेंद्र फडनवीस और डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे और अजित पवार ने शिवनेरी किले में ‘पालना समारोह’ में शामिल हुए। इस दौरान सीएम ने कहा- वे सच्चे अर्थों में प्रबंधन गुरु थे। इस अवसर सीएम फडनवीस ने यह भी घोषणा की कि प्रधानमंत्री मोदी की पहल पर महाराष्ट्र के 12 किलों को यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल का दर्जा देने के लिए नामित किया गया है।

महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र  फडनवीस ने छत्रपति शिवाजी महाराज की 395वीं जयंती पर उनके विचारों को याद किया और उन्हें प्रबंधन गुरु – कुशल प्रशासक भी बताया, जिन्होंने कल्याणकारी राज्य चलाने का उदाहरण प्रस्तुत किया।

बता दें कि सीएम  फडनवीस ने पुणे के शिवनेरी किले में मराठा राजा को याद करते हुए कहा-  शिवाजी महाराज ने न केवल ‘स्वराज्य’ की स्थापना की, बल्कि राष्ट्रीय गौरव की भावना भी जगाई। बता दें कि, महान मराठा योद्धा का जन्म 19 फरवरी, 1630 को जिले की जुन्नार तहसील के शिवनेरी में हुआ था।
शिवाजी महाराज की जयंती मनाने के लिए सीएम देवेंद्र फडनवीस और डिप्टी एकनाथ शिंदे और अजित पवार ने शिवनेरी किले में ‘पालना समारोह’ सहित विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भाग लिए। इस अवसर पर सीएम फडनवीस ने उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा  कि छत्रपति शिवाजी महाराज केवल योद्धा ही नहीं थे, बल्कि एक कुशल प्रशासक भी थे, जिन्होंने कल्याणकारी राज्य चलाने का उदाहरण प्रस्तुत किया। इस दौरान बड़ी संख्या में मराठा राजा के अनुयायी भी उनकी 395वीं जयंती समारोह में भाग लेने के लिए किले में जमा हुए थे।
मुख्यमंत्री ने कहा, शिवनेरी की धरती पर कदम रखने से स्वराज्य की प्रेरणा मिलती है और यही भावना लोगों को बार-बार यहां खींच लाती है। उन्होंने कहा, ‘जब कई राजाओं और राज्यों ने मुगल शासन को स्वीकार कर लिया, तो माता जीजाऊ ने छत्रपति शिवाजी महाराज को एक ऐसे नेता के रूप में देखा, जो शोषण और अत्याचार को समाप्त कर लोगों को स्वराज्य की ओर ले जाएगा।’
सीएम ने कहा, ‘अपनी मां द्वारा बताए गए दृढ़ संकल्प और मूल्यों के साथ, शिवाजी महाराज ने सभी समुदायों के लोगों को एकजुट किया, अपनी तलवार चलाई और मावलों की एक सेना बनाई। उन्होंने न केवल स्वराज्य की स्थापना की, बल्कि राष्ट्रीय गौरव की भावना भी जगाई।’
सीएम  फडनवीस ने शिवाजी महाराज के किलों के संरक्षण के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि उनका महत्व मंदिरों से भी अधिक है। उन्होंने कहा, ‘हम अवरोधों को हटाकर इन किलों के संरक्षण को सुनिश्चित करने के लिए अथक प्रयास कर रहे हैं। इन सभी स्थलों से अतिक्रमण हटाने के लिए एक टास्क फोर्स का गठन किया गया है। चाहे कुछ भी हो, इन अतिक्रमणों को हटाया जाएगा।’
इस अवसर पर डिप्टी सीएम अजित पवार ने कहा कि मराठा राजा की जन्मस्थली शिवनेरी के जीर्णोद्धार कार्य पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। उन्होंने कहा, ‘राज्य के ये सभी किले प्रेरणा के स्थान हैं और इनसे हमें शक्ति और ऊर्जा मिलती है तथा राज्य सरकार इनके जीर्णोद्धार पर विशेष ध्यान दे रही है।’ वहीं डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे ने कहा कि युवाओं के लिए कई आदर्श हैं, इसके साथ उन्होंने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज आने वाली पीढ़ियों के लिए सबसे बड़े आदर्श होंगे।
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