एनसीपी नेता शरद पवार और अजित पवार फिलहाल अलग-थलग हैं। अजित पवार द्वारा अलग रुख अपनाने और महागठबंधन सरकार में शामिल होने के फैसले के बाद एनसीपी पार्टी में दो फाड़ हो गई है| लोकसभा चुनाव में सुप्रिया सुले अजित पवार की पत्नी सुनेत्रा पवार को हराकर बारामती से चुनी गईं। विधानसभा चुनाव में अजित पवार योगेंद्र पवार के खिलाफ चुने गए थे| इन दोनों चुनावों में शरद पवार बनाम अजित पवार देखने को मिला| लेकिन अब चुनावी दौर के बाद पवार परिवार को एक साथ लाने की कोशिशें शुरू हो गई हैं|
इस बीच, उपमुख्यमंत्री अजित पवार की मां आशाताई पवार ने प्रार्थना की कि नए साल के पहले दिन पवार परिवारों के बीच सभी विवाद खत्म हो जाएं और सभी पवार फिर से एक साथ आ जाएं।क्या इससे दोनों नेता फिर से एक साथ आएंगे? इसको लेकर चर्चाएं शुरू हो गई हैं| इस बीच भाजपा प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने इस पर प्रतिक्रिया दी है|
क्या कहा चन्द्रशेखर बावनकुले ने?: बावनकुले ने कहा है कि ऐसा कोई कारण नहीं है कि भाजपा को शरद पवार और अजित पवार के साथ नहीं आना चाहिए। बावनकुले से अजित पवार की सास पांडुरंगा से अजित पवार और शरद पवार को एक साथ आने के लिए कहने के बारे में सवाल किया गया था।
इसका जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि शरद पवार और अजित पवार के बारे में फैसला उन दोनों को लेना चाहिए| भारतीय जनता पार्टी से न होने का कोई कारण नहीं है| उस पार्टी को, उसके नेताओं को निर्णय लेना है|इसलिए मेरे लिए उनके फैसले पर कुछ भी कहना उचित नहीं है|
आशाताई पवार की पाडुरंगा यात्रा: राज्य के उपमुख्यमंत्री अजित पवार की मां आशाताई पवार ने नए साल की शुरुआत में आज सुबह (1 जनवरी) पंढरपुर के मंदिर में विट्ठल और रुक्मिणी माता के दर्शन किए। इसके बाद जब पत्रकारों ने उनसे बातचीत की तो विट्ठल ने क्या पूछा? यह पूछे जाने पर आशाताई पवार ने विट्ठल से प्रार्थना की कि सभी पवार परिवार एकजुट हो जाएं और विवाद खत्म कर दें| साथ ही आशाताई ने मीडिया को जवाब देते हुए कहा कि वह दोनों हाथ जोड़कर प्रार्थना करती हैं कि राज्य के लोग शांति और संतुष्टि से रहें|
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