अनिल देशमुख ने बताया कि सुशांत सिंह राजपूत ने जून 2020 में आत्महत्या की थी। उस वक्त अनिल महाराष्ट्र के गृहमंत्री थे। मुंबई पुलिस ने इसकी पूरी जांच की, खासकर बांद्रा पुलिस ने। डीसीपी और अन्य अधिकारियों ने अपनी रिपोर्ट में स्पष्ट किया कि यह हत्या नहीं, बल्कि आत्महत्या थी।
देशमुख के अनुसार, इसके बाद बिहार में विधानसभा चुनाव शुरू हुए और यह मामला राजनीतिक रंग लेने लगा। सुशांत के पिता ने पटना में एक एफआईआर दर्ज की, जिसमें दावा किया गया कि रिया चक्रवर्ती ने सुशांत के 15 करोड़ रुपये का गबन किया। इसके बाद यह मामला सीबीआई को सौंप दिया गया।
सीबीआई ने लंबी जांच के बाद शनिवार को कोर्ट में अपनी क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की। इस रिपोर्ट में कहा गया कि सुशांत की मौत आत्महत्या थी और रिया ने कोई गबन नहीं किया। रिया की ओर से मशहूर वकील सतीश मानशिंदे ने यह केस लड़ा। देशमुख ने कहा कि सीबीआई की जांच ने सच को सबके सामने ला दिया।
उन्होंने नारायण राणे के दावों पर भी सवाल उठाए। राणे ने कहा था कि उनके नौकर के पास एक वीडियो है, जिसमें सुशांत की हत्या होने का सबूत है। देशमुख ने पूछा कि अगर ऐसा कोई वीडियो मौजूद है, तो राणे ने उसे मुंबई पुलिस या सीबीआई को क्यों नहीं सौंपा?
उन्होंने इसे महज बयानबाजी करार दिया। दिशा सालियान मामले में भी राणे ने दावा किया था कि उन्हें दो बार फोन आया और इसमें आदित्य ठाकरे का नाम लिया गया। देशमुख ने कहा कि उन्हें इसकी कोई जानकारी नहीं है और यह सब आदित्य ठाकरे को बदनाम करने की साजिश प्रतीत होती है।
देशमुख ने इस पूरे मामले को राजनीतिक षड्यंत्र बताते हुए कहा कि सुशांत और दिशा केस को गलत तरीके से जोड़ा गया। उन्होंने सीबीआई की रिपोर्ट को सही ठहराया और कहा कि अब सच सबके सामने आ चुका है।
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